(Jind News) जींद। स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर मंगलवार को 19वें दिन भी हडताल लगातार जारी रही। जिला के सभी एनएचएम कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय के बाहर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने मांगें न माने जाने पर जम कर सरकार विरोधी नारे लगा प्रदर्शन किया। सोई सरकार को जगाने के लिए एनएचएम कर्मचारियों ने बाहर सड़कों पर पुराने बस स्टैंड के आसपास दुकानों, रेहड़ी वालों व आमजन से भीख मांगी। एकत्रित हुई राशि को गौसेवा चारे के लिए दान किया। धरने की अध्यक्षता सुमित व मंच संचालन डा. रेणु ने किया। इस अवसर पर हरियाणा राज्य प्रयोगशाला तकनीशियन एसोसिएशन से पहुंचे तकनीशियन अधिकारी किरण व अशोक और आशा वर्कर यूनियन से पदाधिकारी राजबाला, नीलम, सुनीता बडौदी ने अपना समर्थन जताया। धरने पर एनएचएम सांझा मोर्चा राज्य कमेटी से पदाधिकारी कप्तान राणा, डा. अश्विनी, डा. अरुण ने कर्मचारियों को संबोधित किया व अपनी एकता बनाए रखने की बात कही। इस दौरान डा. अरुणगिरि, कमलेश बेरवाल, रामफल, रमेश, इंदू शर्मा, डा. मोहन वशिष्ठ, कुर्बान, योगेश, रेणु, सुनीता, अमित लाड़वाल, शीतल, गौरव सहगल, गणपत, प्रवीण कुमार, सुनील सैनी, सुनील रधाना, संदीप कुंडू, कमलेश बिश्नोई भी उपस्थित रहे।
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सभी स्वास्थ्य सेवाओं पर असर दिखने को मिला
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सभी स्वास्थ्य सेवाओं पर असर दिखने को मिला। जिसमें लेबर रूम में डिलीवरी का कार्य, नर्सरी में नवजात शिशुओं की देखरेख का कार्य, केएमसी यूनिटए रेफरल, ट्रांसपोर्ट एम्बुलेंस सुविधा न मिलना, जन्म-मृत्यु विभाग कार्य, मेंटल हैल्थ, केंद्रीय औषधि विभाग कार्य, स्कूल हैल्थ (आरबीएसके) व आरकेएसके टीम द्वारा फील्ड में बच्चों के स्वास्थ्य जांच कार्य, एनसीडी, एनआरसी, टीबी विभाग, आयुष विभाग, एनएचएम कार्यालय, पीपी सेंटर, टीकाकरण कार्य, सभी सीएचओ व रिपोर्टिंग आदि कार्य शामिल रहे। जबकि एनएचएम कर्मचारी पिछले काफी सालों से स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं तथा अपना काम पूरी लग्र, ईमानदारी व निष्ठा से करते आ रहे हैं। उन्होंने मांग की कि एनएचएम कर्मचारियों को पक्का कर्मचारी घोषित किया जाए। सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए, सर्विस रूल के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए। कैशलैस मेडिकल सुविधा देने, एलटीसी, ग्रेजुएटी व एक्सग्रेशिया का लाभ दिया जाए। कर्मचारियों को सेवा के अनुसार ईएल, स्टडी लीव, ट्यूशन फीस का लाभ दिया जाए। आयुष्मान भारत योजना के तहत सीएचओ कैडर की एसओपी को लागू किया जाए। बांड प्रथा को समाप्त करने, एनएचएम कर्मियों को ट्रांसफर सुविधा देने, वर्ष 2017 से 2024 तक कर्मियों द्वारा दी गई हड़ताल अवधि का वेतन जारी करने व सेवा अवधि में गणना की जाए। एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सभी स्वास्थ्य सेवाओं पर असर दिखने को मिला। उन्होंने बताया कि 14 अगस्त को एनएचएम कर्मचारी सभी जिलों में सड़कों पर अपनी मांगो के साथ मार्च निकालेंगे। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर एनएचएम कर्मचारी जिलों में धरना स्थलों पर रक्त दान करेंगे। 16 अगस्त को कर्मचारी सभी जिलों में सड़कों पर अपनी मांगो के साथ मार्च निकालेंगे। अगर फिर भी गूंगी बहरी सरकार द्वारा कर्मचारियों जायज मांगों पर कार्रवाई नही की जाती है तो एनएचएम कर्मचारी अपनी मांगों की पूर्ति हेतु आमरण अनशन पर जाने के लिए मजबूर होगा।
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