- नूर ने एनसीसी के लिए प्रयास लेकिन नही हुआ चयन
- मात्र दो दिन में अध्यापकों के सहयोग से स्कूल में शुरू करवाई एनसीसी
(Jind News) जींद। गांव घिमाना स्थित सरकारी स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा के प्रयास से एनसीसी शुरू हो गई है। स्कूल में विभाग की तरफ से बच्चों को टैब के बारे में समझाने के लिए एक अध्यापक आया तो उसने दसवीं कक्षा की छात्राओं से एनसीसी के बारे में बात की। इसके बाद वो छात्राएं स्कूल में कार्यरत भूतपूर्व सैनिक सुरेश कुमार हिस्ट्री लेक्चरर के पास एनसीसी के बारे में मिली। सुरेश कुमार ने छात्राओं को एनसीसी के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि एनसीसी की सख्त ट्रेनिंग होती है तथा कैंप में बाहर भी जाना पड़ेगा।
सुरेश कुमार ने एनसीसी के बी और सी सर्टिफिकेट के फायदे भी बताए और अभिभावकों की आज्ञा अनुसार जो बच्चे एनसीसी लेना चाहते हैं, उनकी सूची तैयार कर प्रिंसिपल को दे देना। छात्राओं ने यह सारा काम किया और प्रिसिपल से मिल एनसीसी शुरू करवाए जाने की बात कही। छात्राओं ने इंटरनेट के माध्यम से एनसीसी जींद का पता और फोन नम्बर सर्च किया और फिर दसवीं कक्षा की छात्रा नूर गिल ने सैन्य अधिकारियों से बात की।
जिस पर प्रिंसिपल ने भी छात्राओं का साथ दिया। सात नवंबर को एनसीसी जींद के ऑफिस में ईमेल से पत्र भेज दिया और कुछ ही मिनट बाद एनसीसी जींद से सुरेश कुमार के पास फोन आया और कहा कि आठवीं और नौवीं कक्षा की छात्र संख्या बताओ। क्योंकि पहले एनसीसी ए सर्टिफिकेट के लिए शुरू करेंगे। मात्र दो दिन में ही घिमाना के सरकारी स्कूल में एनसीसी में चयन के लिए छात्र तथा छात्राओं का निरिक्षण करके फिजिकल और लिखित परीक्षा का काम पूरा कर लिया गया।
भूतपूर्व सैनिक सुरेश कुमार ने बताया कि दसवीं की छात्रा नूर गिल के प्रयास से ही घिमाना गांव के सरकारी स्कूल में एनसीसी शुरू हुई है। हालांकि नूर गिल को ही एनसीसी नही मिली। अब आगामी वर्ष में एनसीसी के बी सर्टिफिकेट के लिए कोशिश करेंगे ताकि नूर गिल को भी एनसीसी मिल जाए।
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