(Jind News)जींद। सरकारी चिकित्सकों ने राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस को काले दिवस के रूप में मनाया। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (एचसीएमएस) के आह्वान पर सोमवार को चिकित्सक जिला प्रधान डा. बिजेंद्र ढांडा की अध्यक्षता में नागरिक अस्पताल में एकत्रित हुए और रोष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में डा. सुषमलता, डा. अजय, डा. विनिता, डा. संतलाल, डा. संदीप लोहान, डा. राजेश भोला, डा. बिजेंद्र घणघस, डा. वैशाली, डा. कर्मवीर, डा. संकल्प मौजूद रहे।
जिला प्रधान डा. विजेंद्र ढांडा ने कहा कि एचसीएमएस एसोसिएशन की राज्य कोर समिति की बैठक हुई थी। जिसमें 26 जून को स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ बैठक में मांगों की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। सरकार और एचसीएमएस एसोसिएशन के बीच आपसी सहमति के बाद डाक्टरों ने छह महीने पहले अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था लेकिन आजतक मानी गई मांगें पूरी नहीं हो पाई हैं। स्पेशलिस्ट कॉडर, पीजी कोर्स के बांड में कमी, एसएमओ की सीधी भर्ती रोकने और केंद्रीय सरकारी डाक्टरों के समान एसीपी भत्तों की मांग पूरी नहीं होने पर डाक्टरों में नाराजगी बढ़ी है।
मांगों पर सहमति होने के बावजूद भी पूरी न किए जाने पर जताया रोष
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छह महीने बाद भी मांगों पर एसएमओ की सीधी भर्ती रोकने और केंद्रीय सरकारी डाक्टरों के समान एसीपी भत्तों की नहीं होने पर बढ़ी नाराजगी पर स्थिति आज भी जस की तस है। डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, डा. संदीप लोहान ने कहा कि मेडिकल आफिसर के 3900 पदों में से 1100, एसएमओ के 636 पदों में से 250 पद और निदेशक के आठ पदों में से पांच पद खाली हैं। राज्य के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों की भारी कमी है लेकिन स्पेशलिस्ट कॉडर का प्रस्ताव वित्त विभाग में पिछले चार महीने से अटका हुआ है।
पीजी बॉड की राशि में कमी का प्रस्ताव भी छह महीने से लंबित है। डॉक्टरों (एमओ) से (एसएमओ) के नियमित पदोन्नति की फाइल भी पिछले डेढ़ साल से देरी से चल रही है। जो डॉक्टर 2002 में एमओ के रूप में शामिल हुए थे, वे अभी भी पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह वास्तव में दुखद है कि डाक्टर (कक्षा 1 अधिकारी) बुनियादी मुद्दों जैसे नियमित पदोन्नति, एसीपी, प्रोबेशन क्लीयरेंस आदि के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनका शोषण हो रहा है। बैठक में निर्णय लिया गया कि एचसीएमएस एसोसिएशन अब स्वास्थ्य सुधार आंदोलन शुरू करेगी ताकि इन मुख्य मुद्दों को उजागर किया जा सके।