- लड़की के जन्म संबंधित कागजों में लड़की निकली साढ़े 16 वर्ष की
(Jind News) जींद। बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय टीम की सर्तकता से मांडी कलां में एक बालिका को वधु बनने से बचाया। टीम ने बाल विवाह की सूचना पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए नाबालिग की शादी को रूकवाया और साथ ही परिजनों को विवाह न करने के लिए चेताया।
बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली थी
इसके अलावा बाल विवाह अधिनियम की जानकारी भी दी। जिस पर परिजनों ने आश्वासन दिया कि अब वह बालिग होने पर ही विवाह करेंगे। बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली थी कि गांव मांडी कलां में एक नाबालिग लडक़ी की शादी करवाई जा रही है और बारात जिले के ही सुंदरपुर गांव से आई हुई है।
इस पर कार्रवाई करते हुए रवि लोहान, महिला सिपाही आरती, मोनिका, सिपाही सुरेंद्र, हरबीर के साथ मौके पर पहुंचे। टीम द्वारा लड़की के परिवार वालों से लड़की के जन्म से संबंधित कागजात मांगे तो परिजनों ने पहले तो टाल मटोल करने की कोशिश की और शादी ना होने की बात कही लेकिन जब मौके पर अन्य मौजिज व्यक्तियों को बुलाया गया तो लगभग तीन घंटे के बाद जो सबूत दिखाए गए।
लड़की की उम्र मात्र साढ़े 16 वर्ष पाई गई
जिसमें लड़की की उम्र मात्र साढ़े 16 वर्ष पाई गई और शादी में आया दूल्हे की उम्र साढ़े 28 वर्ष मिली। दुल्हे व दुल्हन की उम्र में करीब 12 वर्ष का अंतर मिला। इस पर उसके परिजनों द्वारा बताया गया कि लड़की के माता-पिता अनपढ़ हैं और उन्हें किसी कानून की कोई जानकारी नही है।
इसलिए वह गलती से ऐसा कर रहे थे। इस पर रवि लोहान ने परिजनों को समझाया गया कि आपकी लड़की नाबालिग है, इसलिए आप उसके बालिग होने तक का इंतजार करें ताकि कोई कानूनी अड़चन न आए।
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