(Jind News ) जींद। मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन ने सरकार द्वारा मांगों को पूरा न किए जाने व समस्याओं का निदान न किए जाने पर रविवार को नेहरू पार्क में रोष बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता राज्य प्रधान इंद्र सिंह मलिक ने की और संचालन उप राज्य प्रधान दलशेर, सचिव रीना ने किया। इंद्र सिंह मलिक ने बताया कि गत दस जुलाई को यूनियन मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री से मिली थी और मिड-डे मील वर्कर्स की मांगों को लेकर मांग पत्र रखा था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि मिड-डे मिल वर्करों की मांगों पर जल्द से जल्द विचार किया जाएगा लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी मांगों को लेकर कोई पत्र जारी नही किया गया है।
मिड-डे मिल वर्करों को 10 महीने की बजाए पूरे 12 महीने का वेतन दिया जाए
राज्य प्रधान इंद्र सिंह ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द मांगों को पूरा करे। उन्होंने मांग की कि मिड-डे मिल वर्करों का वेतन महंगाई को देखते हुए सात हजार से बढा कर 15 हजार रुपये प्रति माह किया जाए। मिड-डे मिल वर्करों को 10 महीने की बजाए पूरे 12 महीने का वेतन दिया जाए। इसमें किसी प्रकार की कोई कटोती ना की जाए। मिड डे मिल वर्करों को समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए प्रत्येक माह की सात तारिख को वेतन उनके खातों में डाल दिया जाए। वर्दी भत्ता 600 रुपये से बढ़ा कर 2500 रुपये किया जाए। 60 साल की आयु पूरी होने पर तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता देकर सेवानिवृत किया जाए। डयूटी के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता का प्रावधान किया जाए। मिड-डे मिल वर्कर को सर्दियों के लिए जुते, जुराब व गर्मियों के लिए सैंडल दिए जाएं। मिड-डे मिल वर्कर 100 बच्चों पर केवल दो हैं। अब 100 पर तीन व 200 बच्चों पर पांच की जाएं। मिड-डे मिल वर्करों को महीने में दो अवकाश प्रदान किए जाएं। जिन स्कुलों में रसोईघर में गैस सिलेंडर की सुविधा नही है वहां लकडिय़ों से या चुल्हे पर खाना बनाया जाता है। वहां पर गैस सिलेंडर की व्यवस्था की जाए। इस मौकेपर अनीता मुआना, सुनीता, मीना घोघडिय़ा, रेणु, बबली, मीना, रीना, लखविंद्र कौर, ऊषा, मुन्नी सहित अनेक वर्कर्स मौजूद रही।
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