• कर्मचारियों की सरकार को दो टूक, न चाहिए एनपीएस, न लेंगे यूपीएस

(Jind News) जींद। पैंशन बहाली संघर्ष समिति जींद ने रविवार को जिला प्रधान जोगेंद्र लोहान के नेतृत्व में रविवार को सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन सौंपा। समिति के राज्य वरिष्ठ उप प्रधान अनूप लाठर ने बताया कि केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2004 और हरियाणा सरकार ने एक जनवरी 2006 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बंद करके नई पेंशन स्कीम लागू की है।

कर्मचारी की जेब के साथ-साथ सरकारी कोष भी जोखिम के अधीन

जिसके अंतर्गत कर्मचारी के वेतन में से 10 प्रतिशत और सरकारी खजाने से वेतन का 14 प्रतिशत हिस्सा शेयर बाजार के माध्यम से पूंजीपतियों के हवाले कर दिया जाता है। इस से कर्मचारी की जेब के साथ-साथ सरकारी कोष भी जोखिम के अधीन चला जाता है और कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद नाम मात्र की पेंशन मिलती है। जिसके कारण उसके परिवार की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा पूरी तरह समाप्त हो जाती है।

जिलाध्यक्ष जोगेंद्र लोहान ने कहा कि पेंशन बहाली संघर्ष समिति 2018 से लगातार पुरानी पेंशन के अधिकार को लेकर आंदोलनरत है। गत वर्ष हुए लोक सभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार आंदोलन को शांत करने के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम के नाम से एक नया विकल्प लेकर आई। जिसका विस्तृत अध्ययन करने पर पता चलता है कि ये नया विकल्प कर्मचारियों के भविष्य के लिए और भी ज्यादा घातक है, जो एनपीएस में दिए जाने वाले लाभों को भी समाप्त कर देता है। आगामी वित्त वर्ष में केंद्र सरकार सभी कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस में से एक विकल्प चुनने के लिए बाध्य करने जा रही है।

अपील पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए

इसलिए प्रधानमंत्री के नाम दिए जा रहे ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार से अपील की जा रही है कि इस विषय पर पुनर्विचार करते हुए कर्मचारियों को एनपीएस या यूपीएस के लिए बाध्य करने की बजाय पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए, जो कर्मचारी के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी हितकारी कदम होगा।

सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने आश्वासन दिया कि वे पहले भी कर्मचारियों की पेंशन के मुद्दे पर संजीदा रहे हैं और आगामी संसद सत्र में पुरजोर तरीके से कर्मचारियों की इस जायज मांग को केंद्र सरकार के आगे रखा जाएगा। इस अवसर पर राजबाला कौशिक, देवीलाल सहारण, अनुराधा गोयल, नीति सुखीजा, सुनील खटकड़, जोगेंद्र नेहरा, दलबीर सिंह सहित अनेक कर्मचारी नेता मौजूद रहे।

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