Jind News : सामाजिक संस्था के सदस्यों ने चिकित्सक के रवैये पर जताया रोष

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Jind News : सामाजिक संस्था के सदस्यों ने चिकित्सक के रवैये पर जताया रोष
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुनील वशिष्ठ। 
  • गंभीरों को ले आएंगे नागरिक अस्पताल, यहां नही मिलेगा उपचार
  • सड़क हादसे में छह घायलों को नागरिक अस्पातल लाए थे सामाजिक संस्था के लोग, नहीं मिला उपचार

(Jind News) जींद। सड़क हादसे में आपको घायल दिखता है और आप उसे उपचार के लिए नागरिक अस्पताल ले आते हैं तो आप उम्मीद मत रखिए कि आप जिस गंभीर मरीज को इमरजेंसी में लाए हैं, उसे उपचार मिल जाएगा। ऐसा ही मामला सामाजिक कार्यकता सुनील वशिष्ठ के साथ हुआ।

चिकित्सक का गैरजिम्मेदाराना रवैया ही भारी पड़ गया

घायलों को उपचार के लिए इमरजेंसी वार्ड में लाया गया लेकिन यहां चिकित्सक का गैरजिम्मेदाराना रवैया ही भारी पड़ गया। सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा मामला डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा, नागरिक अस्पताल के कार्यवाहक सीएमओ डा. पालेराम कटारिया के तक के संज्ञान में लाया गया लेकिन चिकित्सक उनकी सुनने को तैयार ही नही था। ऐसे में बस घायल की जान पर बन आई और उसे पीजीआई रोहतक का रास्ता दिखा दिया गया।

उधर, कार्यवाहक सीएमओ डा. पालेराम कटारिया ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर उन्होंने चिकित्सक को बोला था। उन्हें अभी तक शिकायत नही मिली है। चिकित्सक का व्यवहार गैरजिम्मेदाराना रहा है तो मामले की जांच की जाएगी। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सुनील वशिष्ठ ने बताया कि रात को गांव भंभेवा के निकट जींद-सोनीपत नेशनल हाईवे 352ए पर ईको गाड़ी को तेज रफ्तार पिकअप गाड़ी ने टक्कर मार दी।

चिकित्सक को घायलो के एक्सरे के लिए बोला तो मशीन को खराब बता कर पल्ला झाड़ लिया

जिसमें ईको सवार गांव कहसून निवासी सुशील, राजेश, रोहताश, सोनू, अनिल, चालक कृष्ण गंभीर रूप  घायल हो गए। सभी घायलों को उन्होंने जैसे-तैसे करके नागरिक अस्पताल पहुंचाया। जहां पर इमरजेंसी मे तैनात चिकित्सक ने तुरंत उपचार करने की बजाय गैर जिम्मेदाराना व्यवहार दोहराया। जब चिकित्सक को घायलो के एक्सरे के लिए बोला तो मशीन को खराब बता कर पल्ला झाड़ लिया।

जब उन्होंने इलाज के लिए टोका गया तो वह अभद्र व्यवहार पर उतर आया और इलाज करने की बजाय स्टाफ को पीजाआई रेफर करने के फरमान जारी कर दिया। चिकित्सक के रैवये को देख अन्ना टीम के सदस्य घायलों को शहर के निजी अस्पताल ले जाकर भरती करवाया।

सामाजिक कार्यकर्ता सुनील वशिष्ठ ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा को मामले से अवगत करवाया। जिस पर कार्यवाहक सीएमओ डा. पालेराम कटारिया ने उनके फोन पर बात की और चिकित्सक से बात कराने के लिए कहा। जब चिकित्सक से बात करने के लिए बोला तो उन्होंने कार्यवाहक सीएमओ से बात करने से मना कर दिया।

चिकित्सक ने खानापूर्ति कर सभी घायलो को पीजाआई रेफर कर दिया

आखिरकार कार्यवाहक सीएमओ ने डयूटीरत चिकित्सक का नाम पूछने के लिए कहा। जिसके बाद डा. पालेराम ने अपने सरकारी नंबर से चिकित्सक को फोन कर मरीजों इलाज गंभीरता से करने के लिए कहा। जिस पर चिकित्सक ने खानापूर्ति कर सभी घायलो को पीजाआई रेफर कर दिया।

सुनील वशिष्ठ ने कहा कि अगर सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात चिकित्सकों का रवैया यही रहा तो कोई भी सड़क हादसे में घायलों को उपचार के लिए यहां नही लाया गया। उन्हें मरता मौके पर ही छोड़ दिया जाएगा। उन्होंने डीसी तथा स्वास्थ्यमंत्री से अपील की है कि नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में तैनाती कुशल व्यवहार चिकित्सकों की जाए ताकि मरीजों को सही इलाज मिल सके। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक की जांच की जाए। जानी चाहिए। यहां पर ट्रामा सेंटर बनाया जाना चाहिए। सड़क हादसों में घायलों को समय पर सही इलाज मिल सके।

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