Jind News :राजकीय सम्मान के साथ हुआ शहीद कुलदीप मलिक का अंतिम संस्कार

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Martyr Kuldeep Malik's last rites performed with state honors
शहीद कुलदीप को सलामी देते जवान।

(Jind News ) जींद। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में गत सोमवार को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जींद जिले के निडानी गांव के सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक का बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। कुलदीप के बेटे नवीन ने मुखाग्नि दी। सेना के अधिकारियों ने बेटे को तिरंगा सौंपा। सेना की टुकड़ी ने शहीद को अंतिम सलामी दी और मातमी धुन बजाई। ग्रामीणों के अलावा आसपास के गांवों से भी लोग तथा हजारों युवा शहीद की अंतिम यात्रा पहुंचे और नम आंखों के साथ देशभक्ति नारे लगाए और अंतिम विदाई दी। इस दौरान सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, जुलाना विधायक अमरजीत ढांडा के अलावा प्रशासन की तरफ  से डीसी मोहम्मद इमरान रजा, एसपी सुमित कुमार ने मौके पर पहुंच शहीद को श्रद्धांजलि दी।

गौरतलब है कि जींद जिले के गांव निडानी निवासी सीआरपीएफ  इंस्पेक्टर कुलदीप मालिक जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में दो दिन पहले सोमवार को शहीद हो गए थे। उनके शहीद होने की सूचना आने के बाद गांव में मातम छा गया। 54 वर्षीय कुलदीप मलिक जल्द ही डीएसपी के पद पर पदोन्नत होने वाले थे। देश के लिए आतंक से लोहा लेते हुए 44 दिन के भीतर हरियाणा और जींद की माटी के दूसरे लाल ने वीरगति पाई है। इससे पहले सात जुलाई को जाजनवाला के लांस नायक पैरा कमांडो प्रदीप नैन शहीद हुए थे। अब ऊधमपुर में सोमवार को निडानी का लाल सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक शहीद हुआ है।

खेल कोटे से भर्ती हुए थे कुलदीप

कुश्ती में नेशनल स्तर के खिलाड़ी रहे कुलदीप लगभग 34 साल पहले खेल कोटे से सीआरपीएफ में बतौर कांस्टेबल नियुक्त हुए थे। उनके दो भाई दिलबाग व सतपाल गांव में ही खेती करते हैं। कुलदीप का बड़ा बेटा नवीन सेना में चालक के पद पर दिल्ली में तैनात हैं और दूसरा संजय रेलवे पुलिस में अमृतसर में तैनात हैं। दोनों ही बेटे शादीशुदा हैं। शहीर कुलदीप की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए।

शहीद की पत्नी ने वंदे मातरम का लगाया नारा

शहीद कुलदीप की विरांगना पत्नी लक्ष्मी का रो-रो कर बुरा हाल था। शहीद पति के अंतिम दर्शन के समय लक्षमी ने वंदे मातरम का नारा तो जरूर लगाया लेकिन अपने आंसू नहीं रोक पाई। कुलदीप के बेटे नवीन और संजय अपने आंसू रोकने की कोशिश कर रहे थे लेकिन ये थम नहीं पा रहे थे। सेना के जवान और लोग परिवार के लोगों को ढांढस बंधा रहे थे। परिवार की महिलाओं को रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार के बुजुर्ग लोग लगातार उनको ढांढस बंधा रहे थे कि कुलदीप मलिक देश के काम आया है और आतंकवादियों से लोहा लेते हुए बलिदान हुआ है, यह हमारे लिए गर्व की बात है।

हर रोज कोई न कोई अपना बेटा, अपना पिता खो रहा है, पाकिस्तान से बदला लेना चाहिए : नवीन

पिता कुलदीप मलिक के बलिदान होने का पता चलते ही दिल्ली में सेना में तैनात उसका बेटा नवीन छुट्टी लेकर घर पर आया हुआ है। नवीन ने कहा कि तीन माह से जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की गतिविधि बढ़ी है। हर रोज कोई न कोई अपना बेटा, अपना पिता व पति को खो रहा है, इसके लिए पाकिस्तान से बदला लेना चाहिए।  नवीन ने कहा कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है, जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी। ऐसा पिता व बेटा सभी को मिले। जरूरत पड़ी तो वह भी देश के लिए कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटेंगे। शहीद कुलदीप के बेटे नवीन भी सेना में ही तैनात हैं। शहीद कुलदीप की पत्नी लक्ष्मी देवी ने कहा कि उन्हें अपने पति पर गर्व है, जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी।

शहादत से आधा घंटे पहले का वाक्या किया सांझा

कुलदीप के भांजे विकास आर्य ने शहादत से आधा घंटा पहले का वाकया बताते हुए कहा कि मामा कुलदीप जब आपरेशन में जंगल की तरफ जा रहे थे तो गांव में छोटी बच्चियां मिली, जो हाथों में राखी लिए हुए थी। उन्होंने बच्चियों को रुपये देना चाहा लेकिन बच्चियों ने रुपये नहीं लिए और कहा कि वापस आते समय ही राखी बांध कर रुपये लेंगी। लेकिन आपरेशन के बाद वह वापस नहीं लौट पाए। आतंकी जंगल में घात लगाए बैठे थे। कुलदीप को गोली लगने के बाद भी वह मुकाबला करते रहे।

भाई बोला, छुट्टी नहीं मिलने से रक्षाबंधन पर घर नहीं आया कुलदीप

छोटे भाई कृष्ण ने बताया कि रक्षाबंधन पर कुलदीप मलिक को छुट्टी आना था लेकिन तीन माह से वहां पर आतंकवादी गतिविधि ज्यादा होने के कारण छुट्टी नहीं मिली। सोमवार को चार बजे के आसपास के सीआरपीएफ कमांडर का फोन आया कि आतंकवादियों से लोहा लेते हुए कुलदीप के गोली लगी है और उसका अस्पताल में इलाज करवाया जा रहा है। थोड़ी ही देर के बाद फोन आया कि कुलदीप मलिक बलिदान हो गया है। जम्मू कश्मीर में बढ़ रही आतंवादी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को कड़ा फैसला लेना चाहिए।

कुलदीप मलिक का शहीद स्मारक बनाने का काम किया जाएगा : सतपाल ब्रह्मचारी

शहीद के अंतिम संस्कार में पहुंचे सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि कुलदीप मलिक का शहीद स्मारक बनाने का काम किया जाएगा। पूर्व जिला पार्षद व कुलदीप के परिवार के सदस्य अमित मलिक ने कहा कि उनकी मांग है कि गोहाना रोड से वाया निडानी, पडाना, शामलो होते हुए जुलाना तक जाने वाली सड़क का नाम शहीद कुलदीप मलिक मार्ग रखा जाए व उनका शहीद स्मारक बनाया जाए।

 

 

 

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