• श्रद्धालुओं ने जलाअभिषेक कर मांगी मन्नतें
  • अल सुबह ही मंदिरों में लगी शिवभक्तों की लाइनें

(Jind News) जींद। जिलेभर में बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा से मनाया गया। अल सुबह ही शहर के मंदिरों व शिवालयों में श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए और देखते ही देखते लंबी लाइनें लग गई। श्रद्धालु मंदिर में भोले बाबा के पूरा दिन जयकारे लगाते रहे तो कुछ शिवभक्तों ने गौमुख तथा हरिद्वार से कावड़ ला कर पवित्र गंगा जल से शहर के विभिन्न शिव मंदिरों में जलाभिषेक कर सुखद जीवन की कामना की।

जयंती देवी मंदिर में हुआ रूद्राभिषेक

जयंती देवी मंदिर रूद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। श्रद्धालुओं ने ओम नम: शिवाय व महामृत्युंज्य मंत्र के द्वारा पंचामृत, बेलपत्र, आक, धतूरा, फल व मिष्ठान से पूजन किया। इस दिन कि मान्यता यह है कि भगवन शिव सरल उपासना से ही प्रसन्न हो जाते हैं और हर असंभव को भी संभव बना देने की शक्ति पा लेते हैं। इस दिन पूजन करने से हम अपने कष्टों को दूर करके व सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं।

शिव की कृपा से हमारी सारी समस्याओं का अंत हो जाता है और अलग-अलग सामग्री के द्वारा हमारी मनोकामनाए पूर्ण हो जाती है। जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर श्रवण नक्षत्र, बुधादित्य, त्रिग्रही योग का निर्माण हुआ। इन तीनों योगों का एक ही दिन पर बनना अद्भुत संयोग रह।

महाशिवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। महाशिव व्रत कल्याणकारी मनोरथों को पूर्ण करने वाले, अरोग्य देने वाले व मोक्ष का दाता हैं।

मंदिरों में लगी श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें

महाशिवरात्री पर्व पर जयंती देवी मंदिर, ऐतिहासिक भूतेश्वर मंदिर, ठिठारी महादेव, सोमनाथ मंदिर, हनुमान मंदिर, शिव चांैक, सफीदों गेट में सुबह से ही शिवभक्तों की लाइनें लगनी शुरू हो गई थी। शहर में जगह-जगह भंडारों का भी आयोजन किया गया। जिसमें शिव भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।  रानी तालाब स्थित भूतेश्वर मंदिर में 12 बजे तक श्रद्धालु लाइन में लगे रहे।

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