- राजकीय महाविद्यालय की एनसीसी यूनिट ने मनाया लोहड़ी पर्व
(Jind News) जींद। जिलाभर में सोमवार को लोहड़ी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लोहड़ी मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर इस त्यौहार का विशेष उल्लास उत्तर भारत के राज्यों में देखने को मिलता है। लोहड़ी शब्द अनेक शब्दोंं से मिल कर बनता है। जिसमें ल का अर्थ है लकड़ी, ओह का अर्थ गोहा होता है। जिसे सूखे उपले कहा जाता है और डी का अर्थ होता है रेवड़ी। लोहड़ी के पर्व को लेकर अनेक मान्यताएं भी प्रचलित हैं।
जो पंजाब की सभ्यता से जुड़ती हुई दिखाई देती हैं। हर साल 13 जनवरी को मनाया जाने वाला त्योहार फसल की कटाई और बुआई के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस दिन खान-पान और नाच-गाने के साथ उल्लासपूर्वक इस त्यौहार का आन्नंद लिया जाता है। लोहड़ी के दिन के लिए प्रचलित दुल्ला भट्टी की कहानी है। वीरवार को निजी स्कूलों, सामाजिक संस्थाओं व गौशालाओं में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
राजकीय महाविद्यालय की एनसीसी यूनिट ने मनाया लोहड़ी पर्व
राजकीय महाविद्यालय की एनसीसी यूनिट ने लेफ्टिनेंट पंकज के निर्देशन और कॉलेज के प्राचार्य सत्यवान मलिक व कमांडिंग ऑफिसर कर्नल जगज्योत के मार्गदर्शन में लोहड़ी पर्व को धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत एनसीसी कैडेट्स द्वारा हवन कुंड मस्तों का झुंड गाने पर नृत्य करके हुई।
इसके बाद कैडेट्स ने कॉलेज परिसर में सफाई अभियान चला कर प्लास्टिक कचरे को एकत्रित किया और स्वच्छता में अपना योगदान दिया। कार्यक्रम के अगले चरण में कैडेट्स ने जिला सामान्य अस्पताल में भारत विकास परिषद द्वारा संचालित निशुल्क रसोई अस्पताल में भर्ती मरीजों के बीच अन्न का वितरण भी कैडेट्स ने स्वयं किया।
प्राचार्य सत्यवान मलिक ने कहा कि इस तरह के सामाजिक कार्य छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा देते हैं। लेफ्टिनेंट पंकज ने कहा कि विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों और सेवा भावना को बढ़ावा देना आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
राजकीय महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ द्वारा लोहड़ी के उपलक्ष में प्राचार्य डा. सत्यवान मलिक की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सभी शिक्षकगण, गैर शिक्षण कर्मचारी और छात्र व छात्राएं पूरे उत्साह और उमंग के साथ शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत लोहड़ी के अलाव जलाने से हुई। इसके पश्चात पारंपरिक गिद्दा और भांगड़ा नृत्य ने कार्यक्रम को जीवंत और उल्लासपूर्ण बना दिया।
त्योहार हमारे जीवन में खुशी और उत्सव लाते हैं लेकिन उनका महत्व इससे कहीं अधिक
बच्चों और उपस्थित जनों के बीच रेवडिय़ां और मूंगफली वितरित की गईं। इस अवसर पर प्राचार्य डा. सत्यवान मलिक ने कहा कि त्योहार हमारे जीवन में खुशी और उत्सव लाते हैं लेकिन उनका महत्व इससे कहीं अधिक है। ये जीवन में शांति, आध्यात्मिकता और उच्च मूल्यों को बढ़ावा देते हैं। जिससे हम अपने जीवन को बेहतर और उद्देश्यपूर्ण बना सकते हैं।
डा. शमशेर सिंह ने लोहड़ी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए राय अब्दुला खान भट्टी उफऱ् दुल्हा भट्टी की कहानी सांझा की। जो कमजोरों और महिलाओं की रक्षा के लिए समर्पित थे। उप प्राचार्य डा. मुनीश ने कहा कि लोहड़ी का त्योहार हमें जातियता से ऊपर उठ कर समभाव और अपनापन बनाए रखने की प्रेरणा देता है। यह त्योहार सामाजिक सद्भाव और सामूहिकता को बढ़ावा देता है। महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डा. प्रेम पूनम ने कहा कि त्योहार हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और लोगों को आपस में जोड़ते हैं।
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