Jind News : कालवन प्रवासी पक्षी सामुदायिक आरक्षित क्षेत्र हुआ घोषित

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Jind News : कालवन प्रवासी पक्षी सामुदायिक आरक्षित क्षेत्र हुआ घोषित
कालवन में आए प्रवासी पक्षी।
  • सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन, एशिया, मंगोलिया से 21 प्रजातियों के पक्षी आते हैं कालवन
  • 34 दुर्लभ प्रजातियों के पक्षी मिल चुके हैं अबतक

(Jind News) जींद। गांव कालवन गांव पक्षी अभ्यारण केंद्र को सरकार द्वारा प्रवासी पक्षी सामुदायिक आरक्षित क्षेत्र (मायग्रेटरी बर्ड कम्यूनिटी रिजर्व सेंटर) घोषित कर दिया गया है। सरकार द्वारा इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। इस एरिया को रिजर्व किए जाने के बाद जैव विविधता की सुरक्षा, पर्यावरण संतुलन का संवर्धन और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

आरक्षित क्षेत्र घोषित करवाने के लिए 27 मई 2024 कालवन ग्राम पंचायत द्वारा मांग की गई थी। सरपंच कविता नैन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रस्ताव पारित कर सरकार के पास भेजा गया था। वन्य जीव संरक्षक विनोद कड़वासरा ने बताया कि कालवन के आरक्षित क्षेत्र का नाम देवभूमि सामुदायिक आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके तहत नरवाना विधायक कृष्ण बेदी, डीसी मोहम्मद इमरान रजा की अनुशंसा के साथ डिजिटल मानचित्र और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई थी।

100 पेज से ज्यादा की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट 

इसके अनुसार राज्य सरकार ने इस इलाके में समुदाय के प्रयासों को महत्व देते हुए आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया। विनोद कड़वासरा द्वारा तैयार की गई 100 पेज से ज्यादा की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में इस इलाके के सभी प्रकार के प्रवासी पक्षियों, जीव व जंतुओं और पेड़ पौधों का सचित्र विवरण दिया गया है। जिन्होंने जैव विविधता संरक्षण में अपने लंबे अनुभव और विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए इस परियोजना को आकार दिया है।

गांव कालवन सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप नैन ने बताया कि ग्राम पंचायत व गांव कालवन के सभी लोग प्रवासी पक्षियों का संरक्षण करते आ रहे है। गांव के लोगों ने अपने स्तर पर इनके रखरखाव, देखभाल के लिए महर्षि दयानंद पक्षी विहार बनाया हुआ है। इसके चलते इलाका अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए विशेष महत्व रखता है।

यहां जाल व खेजड़ी के पुराने पेड़ हैए बहुत ही शानदार दृश्य है। गांव के अधिकतर पालतू पशु मुख्यत हजारों भैंस तालाब में आती है। जिनके गोबर व मलमूत्र से पानी में न्यूट्रिएंट मिलते है। वनस्पति व जीव जंतु पनपते हैं, जिससे प्रवासी पक्षी आकर्षित होते हंै।

27 एकड़ दो कनाल 11 मरला भूमि में फैला कालवन अभ्यारण केंद्र

कालवन के पक्षी अभ्यारण केंद्र 27 एकड़ दो कनाल 11 मरला भूमि में फैला है। यहां हर साल विदेशी पक्षी आते हैं। प्रवासी पक्षियों की अब तक 34 प्रजातियां मिल चुकी हैं। जिनमें 21 प्रजाति विदेशी और 13 प्रजाति भारत की हैं। ये सभी प्रजातियां दुर्लभ हैं। इनमें कॉमन पोचार्ड और ब्लैक टेल्ड, गोडविट जैसी लुप्त प्रजातियां भी शामिल हैं।

मध्य एशिया के देशों, रूस, मंगोलिया से आते हैं पक्षी

कालवन में हर साल मध्य एशिया के देशों, रूस, मंगोलिया से पक्षी आते हैं। वन संरक्षक व मुख्य वन्य जीवन संरक्षक डा. विवेक सक्सेना ने बताया कि यह सामुदायिक रिजर्व वन्यजीव संरक्षण विशेषकर प्रवासी पक्षियों के संरक्षण, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और स्थानीय समुदाय को पर्यावरणीय पहल में सक्रिय रूप से शामिल करने की दिशा में एक मील का पत्थर है।

सरंक्षित करने का यह कदम न केवल क्षेत्रीय जैव विविधता को संरक्षित करेगा बल्कि अन्य जिलों और राज्यों के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल भी बनेगा।

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