Jind News : जींद-सोनीपत ग्रीनफील्ड हाइवे हो शुरू, जींद के लोगों को मिले भाखड़ा जल आधारित पेयजल योजना

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जींद-सोनीपत ग्रीनफील्ड हाइवे हो शुरू, जींद के लोगों को मिले भाखड़ा जल आधारित पेयजल योजना
जींद-सोनीपत ग्रीनफील्ड हाइवे हो शुरू, जींद के लोगों को मिले भाखड़ा जल आधारित पेयजल योजना
  • हैबतपुर मेडिकल कॉलेज में उपचार की सुविधा हो शुरू, जींद के लोगों को बड़े उद्योग की दरकार
  • 2025 में देशभर में जींद के हाइड्रोजन प्लांट से रेलगाडिय़ां चलने की उम्मीद

(Jind News) जींद। बुधवार से वर्ष 2025 की शुरूआत होगी। ऐसे में नव वर्ष जींद के लोगों के लिए बेहद अहम रहने वाला है। वर्ष 2025 में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी की उम्मीद को देखते हुए हैबतपुर मेडिकल कॉलेज के शुरू होने का इंतजार किया जा रहा है। वहीं जींद के लिए सबसे अहम 400 करोड़ की नहरी पेयजल परियोजना का भी इंतजार है। इस परियोजना के शुरूआत होने से जींद के लोगों को भाखड़ा का नीला स्वच्छ पानी मिलेगा। वहीं जींद-सोनीपत ग्रीनफीलल्ड हाइवे के शुरू होने का भी जींद के लोग इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस नेशनल हाइवे पर भी इसी वर्ष से वाहन चलने शुरू हो जाएंगे।

वर्ष 2024 भी रहा जींद के लोगों के लिए अहम, कई परियोजनाएं चढ़ी सिरे

वर्ष 2024 की बात की जाए तो जींद के लिए बेहद अहम रहा। जींद-सोनीपत ग्रीनफील्ड नेशनल हाइवे का निर्माण कार्य पूरा हुआ। लगभग 80 किलोमीटर लंबे इस नेशनल हाइवे के निर्माण पर करीब 799 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। इस नेशनल हाईवे से जींद से सोनीपत की दूरी महज एक घंटे में पूरी होगी। जींद जिला सात नेशनल हाईवे से जुड़ा हुआ है। जिससे एक जिले से दूसरे जिले में आवागमन आसान हुआ है। जोकि औद्योगिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। नेशनल हाईवे से जुड़ाव के फायदा आगामी कुछ वर्षों में नजर भी आने लगेंगे। तीन दिशाओं से रेलवे लाइन से घिरे जींद शहर में पिछले कुछ साल में आरओबी और अंडरपास पर काम हुआ है। इस साल मिनी बाईपास पर दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन की क्रासिंग के लिए करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से अंडरपास का निर्माण कार्य शुरू हुआ। जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर पैदल चलने वालों के लिए छोटे साइज का अंडरपास बनाया जा रहा है।

वर्ष 2023 में नियमित की गई कालोनियों में उपलब्ध हुई सुविधाएं

अक्टूबर 2023 में सरकार ने जींद शहर में 38 कालोनियों को नियमित किया था। इन कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए नगर परिषद ने 44.75 करोड़ रुपये का गलियों का एस्टीमेट बनाया था। जिनमें से 38 कार्य पूरे हो चुके हैं। 20 कार्य चल रहे हैं और कुछ कार्य की टेंडर प्रक्रिया जारी है। वहीं बिजली निगम ने भी सब स्टेशनों की क्षमता बढ़ाई है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में बिजली सप्लाइ में सुधार हुआ है।

हैबतपुर में नही हुई ओपीडी शुरू, अब 2025 में उम्मीद

कई प्रोजेक्ट ऐसे भी रहे, जो साल 2024 पूरे होने थे और कुछ प्रोजेक्ट पर काम शुरू होना था। इनमें सबसे महत्वपूर्ण हैबतपुर मेडिकल कालेज रहा। सितंबर 2024 तक पहले चरण का काम पूरा होना था और साल के अंत तक यहां ओपीडी शुरू करने का लक्ष्य था लेकिन मेडिकल कालेज का निर्माण पूरा नहीं हो पाया। इसका काम मार्च 2025 तक पूरा हो पाएगा। ऐसे में जींद के लोगों को उम्मीद है कि वर्ष 2025 में यहां ओपीडल शुरू हो जाएगी। एचएसआरडीसी के डीजीएम शशांक कुमार ने बताया कि मेडिकल कालेज के प्रथम चरण का निर्माण कार्य चल रहा है। अगले कुछ माह में ये पूरा हो जाएगा। ग्रैप 4 के कारण भी काम बाधित हुआ। इसके अलावा भी कुछ तकनीकी व अन्य कारण रहे हैं। जिसके कारण इसके निर्माण में देरी हुई है।

साल 2024 में पूरे हुए और नए शुरू हुए कार्य

1. जींद-सोनीपत ग्रीन फील्ड हाईवे बनकर तैयार हो चुका है। जिससे जींद से सोनीपत का आवागमन आसान हुआ। 80 किलोमीटर की दूरी महज एक घंटे में होगी पूरी।
2. नई विकसित हुई कालोनियों में साल 2024 में गलियों का निर्माण कार्य शुरू हुआ। अक्टूबर 2023 में प्रदेश सरकार ने जींद शहर में 38 कालोनियों को नियमित किया था। इन कालोनियों में करीब 44.75 करोड़ रुपये से गली निर्माण की योजना बनी थी। 38 कार्य पूरे हो चुके हैं।

3. मिनी बाईपास पर दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन पर करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से अंडरपास का निर्माण शुरू हुआ। पिछले कई साल से लोग यहां अंडरपास बनाने की मांग कर रहे थे। अंडरपास बनने के बाद मिनी बाईपास का सफीदों रोड से भिवानी रोड बाईपास तक विस्तार हो जाएगा। वहीं देवीलाल चौक पर जींद.पानीपत रेल लाइन पर अंडरपास का निर्माण शुरू हुआ।

4. बिजली निगम के 19 सब स्टेशनों की 110 करोड़ 14 लाख रुपये की राशि से क्षमता बढ़ाई जानी है। इनमें आठ सब स्टेशन की 30 एमवीए और नौ सब स्टेशन की साढ़े 22 एमवीए क्षमता बढ़ाई जानी है। जिनमें से 16 सब स्टेशन की क्षमता बढ़ाई जा चुकी है। इन 19 सब स्टेशन के अधीन आने वाले 155 गांवों को लाभ पहुंचेगा।

5. लघु सचिवालय के पीछे इंप्लॉयज कालोनी की तरफ  जाने वाले मार्ग पर जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर अंडरपास का निर्माण कार्य शुरू हुआ। 2.55 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस अंडरपास से इंप्लाइज कालोनी,  भगत सिंह कालोनी निवासियों के साथ-साथ चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में जाने वाले विद्यार्थियों को आसानी होगी।

यह काम नहीं हो पाए पूरे, वर्ष 2025 में उम्मीद

1. भिवानी रोड पर दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन पर अंडरपास का निर्माण साल 2024 में भी पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में उम्मीद है कि वर्ष 2025 में यह कार्य पूरा होगा। 8.44 करोड़ की लागत से बनने वाले इस अंडरपास की डेडलाइन बार-बार बढ़ती रही। एचएसआरडीसी ने ठेकेदार को नोटिस देकर अक्टूबर तक काम पूरा करने के लिए कहा था लेकिन अभी भी काम पूरा नहीं हो पाया।

2. हैबतपुर मेडिकल कालेज का पहले चरण का कार्य चला हुआ है। वर्ष 2024 में दावा किया गया था कि साल के अंत तक यहां ओपीडी का कार्य शुरू हो जाएगा लेकिन ऐसा संभव नही हो पाया। पहले मार्च, फिर सितंबर तक काम पूरा होने का दावा किया गया। मेडिकल कालेज में ओपीडी भी साल के अंत तक शुरू करने की योजना थी। लेकिन कभी बजट, तो कभी प्रदूषण के कारण लगी ग्रैप की पाबंधियों से काम पूरा नहीं हो पाया।

3. इस समय जींद रेलवे जंक्शन का नवीनीकरण का कार्य चला हुआ है। करीब 25 करोड़ रुपये की लागत इस कार्य पर आनी है। 31 दिसंबर तक नवीनीकरण का कार्य पूरा होना था लेकिन अभी करीब 70 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है।

जींद-पानीपत मार्ग फोरलेन होने का इंतजार

4. पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने दो वर्ष पहले घोषणा की थी कि जींद-पानीपत मार्ग को फोरलेन किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 180 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जानी है। उम्मीद थी कि वर्ष 2024 में इस पर कार्य शुरू होगा लेकिन ऐसा संभव नही हो पाया। यह मार्ग सबसे व्यस्तम मार्ग से एक है और केवल सात मीटर ही चौड़ा है। जिससे यहां हादसे होते रहते हैं।

5. जींद शहर के लिए सबसे महत्वपूर्ण नहरी पेयजल परियोजना पर साल 2024 में काम शुरू होने की पूरी उम्मीद थी। योजना के तहत भाखड़ा का नीला पानी पेयजल सप्लाई के रूप में जींद वासियों को मिलेगा। लगभग 400 करोड़ रुपये की परियोजना की ये परियोजना है। भाखड़ा से पाइप लाइन दबा कर पानी लाया जाना है। पाइप लाइन दबाने, जलघर निर्माण व अन्य कार्यों के लिए करीब 162 करोड़ रुपये के जनस्वास्थ्य विभाग ने दो टेंडर भी लगाए गए हें लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया।

जींद के लोगों को बड़े उद्योग की दरकार

जींद के युवाओं को रोजगार के लिए बड़े औद्योगिक क्षेत्र की दरकार है। यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर में बिजली, पानी, सड़क, सबसे अहम हैं। पिछले कुछ साल में जींद में काफी सुधार हुआ है। फ्लाइओवर, सड़कें बनी हैं लेकिन इस पर और भी काम करने की जरूरत है ताकि यहां पर नए उद्योग स्थापित हों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हों। उद्योग लगेंगे तो यहां के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नही जाना होगा।

2024 में देशभर में जींद के हाइड्रोजन प्लांट से नही चली रेलगाडिय़ां

जींद रेलवे जंक्शन के पास हाइड्रोजन गैस प्लांट का निर्माण करवाया जा रहा है। हालांकि प्लांट का निर्माण कार्य दिसंबर माह तक पूरा किया जाना था लेकिन हो नही सका। लगभग 118 करोड़ रुपये की लागत से हाइड्रोजन गैस प्लांट का निर्माण हो रहा है और यह गैस प्लांट दो हजार मीटर एरिया में लगाया जाएगा। निर्माण के बाद हाइड्रोजन गैस (फ्यूल) से ट्रेनों को चलाया जाएगा। ट्रेनें 140 किलोमीटर तक की रफ्तार से दौड़ेंगी।

पेगां आइटीआई में वर्ष 2024 में भी शुरू नही हो पाई कक्षाएं

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जींद-कैथल मार्ग पर पेगां गांव में करीब पांच साल पहले करोड़ो रुपये की लागत से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान बनाने की घोषणा की थी। अलेवा क्षेत्र में पहले इस प्रकार का संस्थान न होने के कारण यहां के बच्चों को जींद या फिर दूर के संस्थानों में रोजगार से संबधित पढ़ाई करने के लिए जाना पड़ता था। अलेवा, किठाना, थुआ, संडील, छात्तर, कटवाल, दुड़ाना, शामदों, खेड़ी बुल्ला समेत दर्जनों गांव सीधे रूप से इस संस्थान से जुडऩा था। जींद-कैथल मार्ग पर स्थित गांव पेगां में आठ करोड़ की लागत से बनने वाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआई) का निर्माण कार्य पूरा नही हो पाया। इस आइटीआई बनने के बाद आसपास के दर्जनों गांवों के बच्चों को इसका फायदा मिलेगा।

पेगां में चालक प्रशिक्षण केंद्र नही हो पाया शुरू

गांव पेगां के पास जींद-कैथल नेशनल हाइवे पर स्थित गांव पेगां के पास नौ एकड़, पांच कनाल भूमि पर इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) सेंटर बनाया जा रहा है। यहां बड़े और भारी कमर्शियल व्हीकल चलाने की ट्रेनिंग दी जानी प्रस्तावित है। प्रति वर्ष यहां से 20 हजार ड्राइवर प्रशिक्षित होकर निकलने के दावे किए गए थे। आईडीटीआर सेंटर के निर्माण पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इसको ओरिजिनल इक्वीपमेंट मैन्युफेक्चरर (ओइएम) यानि मूल उपकरण निर्माता की सहायता से संचालित किया जाएगा। 26 मई  2018 को सीएम मनोहर लाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, उचाना की पूर्व विधायक प्रेमलता ने पेगां गांव के पास आईडीटीआर सेंटर निर्माण को लेकर शिलान्यास किया था। पेगां गांव के पास की नौ एकड़, 5 कनाल, 9 मरले जमीन को आईडीटीआर सेंटर बनाने के लिए निर्धारित किया गया है। यह योजना भी अधर में है।

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