- सर्दी, खांसी, जुखाम, वायरल पीडि़त छोटे बच्चों, वृद्धों की हो रही स्पेशल स्क्रीनिंग
- नागरिक अस्पताल में बच्चों के लिए 19 बैड का एसएनसीयू, स्पेशल आईसीयू वार्ड भी
(Jind News) जींद। जिला मुयालय स्थित नागरिक अस्पताल प्रशासन चीन में फैले ह्यूमन मेटा न्यूमो (एमएचपीवी) वायरस को लेकर सतर्क है। इस समय अस्पताल में मौसम परिवर्तनशील और ठंडा रहने के चलते 100 से 125 वायरल बुखार से पीडि़त मरीज आ रहे हैं।
इनमें 25 से 30 प्रतिशत बच्चे हल्के बुखार व सर्दी, जुखाम से पीडि़त आते हैं। जिनकी शिशु रोग ओपीडी बाल रोग विशेषज्ञ डा. रघुबीर पूनिया द्वारा की जाती है। ऐसे में अभिभावकों को सलाह है कि बच्चों की विशेष देखभाल रखें। अगर बच्चे में दस्तए बुखारए गले में खराश, जुखाम आदि हैं तो तुरंत उपचार करवाएं।
अस्पताल में उपलब्ध हैं यह सुविधाएं
जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में बच्चों के लिए 19 बैड का एसएनसीयू भी है। इसके अलावा आईसीयू की सुविधा भी उपलब्ध है। जिसमें नवजात शिशुओं की विशेष देखभाल की जाती है। इसके साथ ही छोटे बच्चों को दी जाने वाली दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक है। नई बिल्डिंग के नीचले ब्लॉक में ही छोटे बच्चों की जांच की जाती है। इसके अलावा अगर जरूरत पड़ती है तो बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड भी बना दिया जाएगा।
एचएमपीवी वायरस को लेकर विशेष अहतियात बरत रहे : डॉ . रघुवीर पूनिया
बाल रोग विशेषज्ञ डा. रघुबीर पूनिया ने बताया कि जिला में एचएमपीवी का एक भी मामला संज्ञान में नही आया है। फिर भी स्वास्थ्य अधिकारियों के दिशा निर्देश पर विशेष अहतियात बरती जा रही है। उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि आपका बच्चा पांच वर्ष या कम उम्र है और ज्यादा ठोस आहार नहीं लेता है तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दाल का पानी पिलाएं।
दूध दें। वैजिटेबल शूप भी बच्चों को दिया जा सकता है। अगर बच्चे को दस्त हो गए हैं तो उसके शरीर में नमक की कमी हो सकती है। जिसे दूर करने के लिए ओआरएस का घोल पिलाएं। बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं। सिर पर टोपा जरूर पहनाएं। इसके अलावा बच्चा स्तनपान करता है तो उसे स्तनपान अवश्य करवाएं, जिससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके।
ये हैं एचएमपीवी के लक्ष्ण
- लगातार खांसी और जुखाम।
- गले में खरास और आवाज बैठना।
- बुखार और सिर दर्द।
- थकान और कमजोरी।
- सांस लेने में कठिनाई खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।
प्रसार के तरीके
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने या उनके संपर्क में आने से फैलता है। दूषित सतहों को छूने के बाद चेहरे नाक या मुंह को छूने से भी संक्रमण फैल सकता है।
बचाव के उपाय
- स्वच्छता बनाए रखें : हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
- मास्क पहनें : विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली जगहों में मास्क का प्रयोग करें।
- फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखें : सार्वजनिक स्थानों पर दूसरों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें। खांसते और छींकते समय रूमाल का प्रयोग अवश्य करें।
- स्वच्छ आहार लें : प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए पौषक आहार का सेवन करें। घर और कार्य स्थल पर नियमित रूप से सफाई करें।
- बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें : यदि बच्चों या बुजुर्गों में लक्ष्ण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सक से उपचार करवाएं। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएं।
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