Jind News : पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना हम सबकी नैतिक जिम्मेवारी : डॉ. रमेश पांचाल

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Jind News : पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना हम सबकी नैतिक जिम्मेवारी : डॉ. रमेश पांचाल
पर्यावरण को बचाने की शपथ लेते हुए स्वास्थ्य अधिकारी व बच्चे।
  • नागरिक अस्पताल में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर हुआ सेमिनार

(Jind News) जींद। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में सोमवार को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे) पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत मनाया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएमओ स्कूल हैल्थ डा. रमेश पांचाल ने बताया कि राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम को मनाने का मुख्य उद्देश्य आमजन को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है।

जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित लोगों व ट्रेनी छात्र एवं छात्राओं को वायु प्रदूषण न फैलाने की शपथ दिलाई

क्योंकि बढते वायु प्रदूषण से आमजन के साथ-साथ नवजात शिशु, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग व्यक्ति, सांस, दमा व हृदय रोगी के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित लोगों व ट्रेनी छात्र एवं छात्राओं को वायु प्रदूषण न फैलाने की शपथ दिलाई और उनको अपने गांव, गली, मोहल्ले में भी आमजन को जागरूक करने की अपील की।

उन्होंने आमजन से अपील की कि प्रदूषण कम करने में सहयोग करते हुए सार्वजनिक यातायात बस, ट्रेन, मैट्रो का प्रयोग करें। वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में अपना योगदान दें। ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें व उनका संरक्षण करें ताकि हम और हमारी आने वाली पीढ़ी को तरोताजा व साफ.-सुथरी हवा मिल सके। उन्होंने बताया कि धुम्रपान सेवन नही करना चाहिए।

बीड़ी, सिगरेट के साथ-साथ हुक्के का सेवन भी ज्यादा नुकसानदायक

इससे गले का कैंसर, मुंह का कैंसर, फेफडों का कैंसर व हृदय रोग जैसी घातक बीमारियां होती हैं। बीड़ी, सिगरेट के साथ-साथ हुक्के का सेवन भी ज्यादा नुकसानदायक होता है। धुम्रपान करने वाला व्यक्ति जिसको कि फस्र्ट हैंड स्मोकिंग भी कहा जाता है, वह अपने स्वास्थ्य का नुकसान तो करता ही है साथ ही आसपास के लोगों जिसको कि सेकिंड हैंड स्मोकिंग भी कहा जाता है उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है।

जिला नोडल अधिकारी डा. रवि राणा ने कहा कि जब भी वायु गुणवत्ता का स्तर खराब हो तो छोटे बच्चे, बीमार या बुजुर्ग व्यक्ति घरों से बाहर न निकलें। वायु प्रदूषण के दौरान बच्चे, बुजुर्ग, सांस, दमा व हृदय रोगी सैर से परहेज रखें व अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

कार्यक्रम अधिकारी डा. चंद्रमोहन ने बताया कि प्रदूषण के स्तर के ज्यादा होने के लक्ष्ण चक्कर आना, आंखों में जलन,  सांस लेने में तकलीफ, खांसी या छाती में दर्द हो सकता है। यदि ऐसा हो तो पीडि़त को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर से परामर्श लेते हुए इलाज करवाएं। इस दौरान डा. विशाल पोरस, डा.. दीपक, मनदीप,  भूपेंद्र, विनोद, सुनील व नर्सिंग छात्राएं आदि उपस्थित रही।

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