Jind News : फसल अवशेष प्रबंधन अपनाने पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि

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Matrushakti Udyamita Yojana, a unique scheme launched to empower women and improve their economic condition
जिला निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद इमरान रजा।
  • फसल अवशेषों को खेत में जलाने के बजाय मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाने पर प्रति एकड़ मिलेंगे एक हजार
  • वायु प्रदूषण रोकने में किसानों का योगदान आवश्यक : डीसी

(Jind News) जींद। सरकार ने धान उत्पादक किसानों को बड़ी राहत देते हुए फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष प्रोत्साहन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को फसल अवशेषों को खेत में जलाने के बजाय मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाने पर प्रति एकड़ एक रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। सरकार की इस पहल का उद्देश्य न केवल पर्यावरण को स्वच्छ बनाना हैए बल्कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी बनाए रखना है।

इस तरह प्राप्त कर सकते हैं प्रोत्साहन राशि

इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाएं। इसके अलावा आवेदन के लिए एग्रीहरियाणाण्जीओवी डॉट इन पर जाकर अपनी जानकारी अपलोड करें। आवेदक किसान को ग्राम स्तरीय कमेटी (वीएलसी) से सत्यापन करवाना होगा और फसल प्रबंधन की फोटो जीपीएस लोकेशन के साथ अपलोड करनी होगी। इन प्रक्रियाओं के बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

फसल अवशेष जलाने पर जुर्माना और प्रतिबंध

जो किसान फसल अवशेष जलाने की प्रथा अपनाएंगे, उन पर 2500 रुपये का जुर्माना लगेगा। इसके साथ ही एफआईआर भी दर्ज होगी और मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर एंट्री कर दी जाएगी। इस कारण ऐसे किसान अगले दो सीजन तक मंडी में अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे।

अवशेष प्रबंधन के लाभकारी तरीके

किसान हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रिवर्सेबल एमबी प्लॉव और जीरो टिल सीड ड्रील जैसे कृषि यंत्रों की सहायता से धान अवशेषों को मिट्टी में मिला सकते हैं। यह प्रक्रिया न केवल मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाती है बल्कि किसानों को भी अतिरिक्त लाभ प्रदान करती है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य हरित और स्वच्छ हरियाणा बनाना है। जिसमें किसानों का सहयोग अनिवार्य  है।

फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है : डीसी

फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है और मिट्टी के प्राकृतिक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम होती है। फसल अवशेषों का सही प्रबंधन करने पर न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहेगा बल्कि मिट्टी भी अधिक उपजाऊ बनेगी। कृषि विभाग की टीमें लगातार गांव-गांव जाकर सीआरएम के बारे मे किसानों को जागरूक कर रही हैं।

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