(Jind News) जींद। भारतीय जनता पार्टी का सफीदों विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनने के बाद दादा रामकुमार गौत्तम पहली बार सफीदों पहुंचे और नगर की सैनी धर्मशाला में लोगों का संबोधित किया। उनके इस कार्यक्रम में पार्टी के टिकट के चाहवान नाराज नेता नहीं पहुंचे। सिर्फ पूर्व विधायक कलीराम पटवारी व जिलाध्यक्ष तेजेंद्र ढुल उनके मंच पर पहुंचे। इस कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं ने दादा गौत्तम का पगड़ी व फूलमालाओं से स्वागत किया। अपने संबोधन में रामकुमार गौतम ने कहा कि आम आदमी सोचता है कि रामकुमार गौतम यहां से चुनाव क्यों लडऩे आया है। इसका जवाब यह है कि वे सफीदों हलके का वे राज में हिस्सा करवाना चाहते हंै। जो लोग मुझे बाहरी करार दे रहे हैं उनको कहना चाहता हुं कि वे बाहरी नहीं बल्कि सब पर भारी हैं।
उनको हरियाणा के अनेक स्थानों से चुनाव लडऩे के ऑफर थे लेकिन उन्होंने सफीदों विधानसभा को इसलिए चुना। क्योंकि यहां पर 36 बिरादरी के अच्छे लोग बसते हैं। हम सबका खून लाल है और एक परमपिता परमात्मा की संतान हैं। इतिहास गवाह है कि चौधरी देवीलाल व चौधरी भजनलाल समेत अनेक नेताओं ने पूरे हरियाणा में कभी कहीं तो कभी कहीं से चुनाव लड़े। उनमें कभी वे जीते तो वे कभी हारे। उन्होंने कहा कि उन्होंने जीवन भर एससी, बीसी, किसान समेत 36 बिरादरी के हितों की लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ते रहेंगे। तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को आगाह कर दिया था कि इन कानूनों से किसान खुश नही हैं और इनको वापस लिया जाना चाहिए। गौतम ने अपना दर्द ब्यान करते हुए कहा कि वे वर्ष 1991 में एक नई पार्टी का गठन करके सफीदों विधानसभा क्षेत्र से उतरे थे लेकिन एक शातिर नेता ने उनके खिलाफ एक ऐसी साजिश रचकर उन्हें हरवाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि अगर दादा गौत्तम जीत गया तो इसकी जड़ गढ़ जाएगी लेकिन ऐसा नही है। उन्होंने लोकल नेताओं को सचेत करते हुए कहा कि वे उनसे ना घबराएं क्योंकि यह उनका अंतिम चुनाव है। उनके बेटे का राजनीति में कोई लगाव नही है। वे दो बार विधायक बन चुके हैं। वे यहां केवल विधायक बनने नहीं बल्कि सफीदों में कमल का फूल खिलाने के लिए आए हैं। उनका मुख्य मकसद प्रदेश में फिर से भाजपा का राज लाना है और नायब सैनी को फिर से सीएम बनाना है। हर वोटर अपने आप को रामकुमार गौत्तम समझकर चुनाव लड़ें और इस सीट को बड़े मार्जिन से जितवाएं।