- सुलेख में सुशीला और कहानी लेखन में मौसम रही प्रथम
(Jind News) जींद। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में चल रहा हिंदी पखवाड़ा शुक्रवार को संपन्न हो गया। इस कार्यक्रम में अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। अंतिम दिन मुख्यातिथि के रूप में पहुंची डा. नीलम राठी ने कहा कि समापन समारोह का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह हमें भविष्य की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करता है।
नए तकनीकी विकास और मीडिया के प्रभाव में, हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए नए दृष्टिकोण और रणनीतियां अपनाने की आवश्यकता
विभिन्न कार्यशालाएं और चर्चाएं न केवल मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए उपाय सुझाती हैं बल्कि यह भी सुनिश्चित करती हैं कि हिंदी भाषा वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाए रखे। नए तकनीकी विकास और मीडिया के प्रभाव में, हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए नए दृष्टिकोण और रणनीतियां अपनाने की आवश्यकता है। कुलपति डा. रणपाल सिंह ने कहा कि हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत भाषा और साहित्य के महत्व पर चर्चा होती है। इसमें विभिन्न प्रतियोगितात्मक गतिविधियां, कवि सम्मेलन और भाषण शामिल होते हैं।
कुलसचिव प्रो. लवलीन मोहन ने कहा कि हिंदी दिवस समापन समारोह केवल एक औपचारिक आयोजन नही है बल्कि यह हिंदी भाषा की गहरी जड़ों और उसके विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हर साल इस समारोह के माध्यम से हम हिंदी भाषा के विविध पहलुओं को समझने और उसकी सुंदरता का जश्न मनाने का अवसर पाते हैं। इस दौरान मानविकी संकाय के अधिष्ठाता प्रो० संजय कुमार सिन्हा और डॉण् मंजूलता भी मौजूद रही।
प्रतियोगिताओं के ये रहे परिणाम
सुलेख लेखन प्रतियोगिता में सुशीला प्रथम, मौसम द्वितीय, ममता और राहुल तृतीय स्थान पर रहे। पोस्टर बनाओ में बिंदू प्रथम, विशाल नांगल और मौसम द्वितीय तथा मूर्ति तृतीय स्थान पर रही। चित्राधारित कहानी लेखन में मौसम प्रथम, मनीषा द्वितीय और ममता तथा पूजा तृतीय स्थान पर रही। टिप्पणी लेखन में ज्योति प्रथम, सुनीता द्वितीय और अनीता तृतीय स्थान पर रही। काव्य पाठ में मुकेश प्रथम, मौसम द्वितीय और सुदेश तृतीय स्थान पर रही। भाषण प्रतियोगिता में सीमा प्रथम, बिंदु द्वितीय और रितुु तृतीय स्थान पर रही।
मां भारती रसधारा गायन प्रतियोगिता में अंशु प्रथम, मंजू और मोहित द्वितीय तथा बिंदु तृतीय स्थान पर रही। सस्वर वाचन में विजेंद्र कुमार प्रथम, सुनील कुमार द्वितीय और विक्रम धीमान तृतीय स्थान पर रहे। प्राध्यापक सुलेख लेखन में डा. पूनम पूजित प्रथम, डा. सुमन पूनिया द्वितीय, डा. अपूर्वा रेढू और डा. नीतू तृतीय स्थान पर रही।
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