Jind News : मंकी पॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

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Health department alert regarding monkey pox
नागरिक अस्पताल में तैयार किया गया आइसोलेशन वार्ड।
  • नागरिक अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में आइसोलेशन व स्पेशल वार्ड तैयार करवाया
  • सरकारी व निजी चिकित्सकों को मंकी पॉक्स बीमारी के लक्ष्णों की दी जानकारी

(Jind News) जींद। अफ्रीकी देशों सहित दुनिया के कई देशों में मंकी पॉक्स फैलने के बाद हरियाणा स्वास्थ्य विभाग भी गंभीर हो गया है। डब्ल्यूएचओ द्वारा इसे लेकर गाइडलाइन जारी की गई है। जिसके तहत प्रदेशभर के सीएमओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंथन किया है। राहत भरी बात यह है कि अभी तक हरियाणा प्रदेश में मंकी पॉक्स का कोई भी केस नही मिला है। बाजवूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जींद मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल की बात की जाए तो पुरानी बिल्डिंग में एक स्पेशल वार्ड व एक आइसोलेशन वार्ड तैयार करवा दिया गया है। तीन सदस्यीय चिकित्सक टीम को जिम्मेवारी दी गई है। इसके साथ ही निजी व सरकारी चिकित्सकों के साथ बैठक कर निर्देश दिए गए हैं कि मंकी पॉक्स से संबंधित कोई भी केस संज्ञान में आता है तो इसकी तुरंत प्रभाव से जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।

यह है मंकी पॉक्स के लक्ष्ण

एम पॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों जैसे होते हैं। चेचक की तरह  एम पॉक्स से हुए दाने सपाट, लाल धब्बे के रूप में शुरू होते हैं। इसके बाद धब्बे फफोले में बदल जाते हैं, जो मवाद से भर जाते हैं (फुंसी बनाते हैं)। कई दिनों के बाद फुंसी में पपड़ी बन जाती है। हालांकि एमपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है जो एमपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह वायरस आमतौर पर चूहों या चूहों जैसे कृंतकों या बंदरों जैसे गैरमानव प्राइमेट्स को प्रभावित करता है। लेकिन यह लोगों में भी हो सकता है। आप किसी संक्रमित व्यक्ति, संक्रमित पशु या वायरस से दूषित पदार्थों के निकट संपर्क में आने से एमपॉक्स से संक्रमित हो सकते हैं। इस समय अफ्रीकी देशों में मंकी पॉक्स फैल रहा है।

डब्ल्यूएचओ ने कोविड जैसी तैयारियों के दिए निर्देश

डब्ल्यूएचओ ने कोविड जैसी तैयारियों के दिए निर्देश दिए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रदेश के सभी प्रवेश प्वायंट पर बाहर से आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग करने और उनको आइसोलेट करने के निर्देश दिए हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि अफ्रीका के देशों में स्थानीय संक्रमण के साथ-साथ वहां की यात्रा पर गए यात्रियों में भी मंकीपॉक्स का पता चला है। इसे देखते हुए तैयारियां पूरी रखी जाएं। जिला में एक चिकित्सा ईकाई को रेफरल बना कर यहां ट्रांजिट आइसोलेशन सुविधा स्थापित की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग ने उठाए कदम

एडवाइजरी जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी की गई गाइडलाइन को सरकारी व निजी चिकित्सकों को उपलब्ध करवा दी है। बुखार, अत्याधिक कमजोरी व अज्ञात कारणों से निकले दाने वाले लोगों को चिन्हित किया जाएगा। संदिग्ध रोगियों के चिन्हीकरण, सैंपल कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन व उपचार में सावधानी बरती जाएगी। सीएमओ स्तर से निर्धारित दल एंबुलेंस से संदिग्ध रोगियों को चिन्हित रेफरल चिकित्सा इकाई की ट्रांजिट आइसोलेशन फैसिलिटी में स्थानांतरित करेंगे।

स्वास्थ्य विभाग कोविड की तरह ही मंकी पॉक्स बीमारी से लडऩे के लिए तैयार : सीएमओ

सीएमओ डा. गोपाल गोयल ने बताया कि मंकी पॉक्स को लेकर अस्पताल में स्पेशल आइसोलेशन वार्ड व स्पेशल वार्ड को तैयार कवाया गया है। चिकित्सकों को मंकी पॉक्स को लेकर जानकारी दे दी गई है। उचाना की लैब को लेकर मंकी पॉक्स को लेकर तैयार किया जा रहा है। फिलहाल एक भी मरीज मंकी पॉक्स का सामने नही आया है। स्वास्थ्य विभाग कोविड की तरह ही मंकी पॉक्स बीमारी से लडऩे के लिए तैयार है।

 

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