- समागम में रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन में गुरु की महिमा का किया बखान
- गुरू गोबिंद सिंह के त्याग और बलिदान को श्रद्धालुओं से कराया अवगत
(Jind News) जींद। कलगीधर पातशाह गुरु गोबिंद सिंह जी के 358वें प्रकाश पर्व सोमवार को बड़ी श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया गया। गुरुघर के प्रवक्ता बलविंद्र सिंह ने बताया कि शहर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरू तेग बहादुर साहिब में प्रकाश पर्व की खुशी में रखे गए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का भोग डाला गया। इसके उपरांत गुरुद्वारा साहिब में धार्मिक दीवान का आयोजन किया गया।
जिसमें बाहर से आए रागी जत्थों एवं कथावाचकों ने शब्द गुरुबाणी व गुरु गोबिंद सिंह की जीवनी से जुड़ी घटनाओं द्वारा संगतो को निहाल किया। गुरूघर प्रवक्ता बलविंदर सिंह ने बताया कि धार्मिक दीवान में सबसे पहले गुरुद्वारा साहिब के स्थानीय रागी जत्थे भाई जसबीर सिंह, भाई कुलदीप सिंह, भाई करमजीत सिंह द्वारा गुरबाणी कीर्तन गायन किया गया।
इसके पश्चात भाई जसबीर सिंह बहादुरपुर के ढाढी जत्थे ने गुरू गोबिंद सिंह के परिवार की शहादत को अपनी ढाढी वारों में पिरोते हुए बताया कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने देश और हिंदू धर्म की रक्षा की खातिर मुगल सल्तनत से लड़ते हुए अपने पिता गुरु तेग बहादुर, चार साहिबजादों एवं स्वंय को कुर्बान कर दिया लेकिन दीन कबूल नहीं किया।
गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा की गई कुर्बानियों के कारण ही आज भारत वर्ष पूरे विश्व में एक अनूठी मिसाल बना हुआ
इसके पश्चात नानकसर पंजाब से आए भाई गुरमुख सिंह के रागी जत्थे ने शब्द गुरबाणी गायन करके संगतों का मन मोह लिया। कथा प्रचारक भाई कोमल सिंह ने अपने संबोधन में देश और धर्म को बचाने के लिए गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा की गई कुर्बानियों के कारण ही आज भारत वर्ष पूरे विश्व में एक अनूठी मिसाल बना हुआ है।
हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की सदस्य बीबी परमिंदर कौर ने संगतों को गुरू गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए बताया कि गुरू गोबिंद सिंह ने अपनी बाणी में स्पष्ट किया है कि शरीर को नुकसान पहुंचने वाले किसी भी प्रकार के नशे और तंबाकू आदि का सेवन न करें।
किसी भी इंसान की चुगली, निंदा ना करें, उससे बचें। इंसान से प्रेम करना ही, ईश्वर की सच्ची आस्था और भक्ति है और किसी भी इंसान से ईष्र्या करने के बजाय अपने कार्यों पर ध्यान दें। गुरूघर प्रवक्ता बलविंद्र सिंह ने कहा कि गुरू ने अपनी बाणी में कहा कि दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद इंसान की सदैव हृदय से मदद करें। अपने द्वारा किए गए सारे वादों पर हमेशा खरा उतरने की कोशिश करें।
दस हजार रुपये, बैंक की कॉपी श्रद्धालु को लोटाई
इम्पलॉयज कालोनी निवाासी कीर्ति देवी गुरूद्वारा में माथा टेकने आई थी। दर्शन कर वह लंगर चखने के लिए हॉल की तरफ गई तो वह दस हजार की नगदी, बैंक की कॉपी वहीं भूल गई। लंगर सेवादारों ने इसके बारे में गुरूद्वारा मैनेजर गुरविंद्र सिंह चौगामा को जानकारी दी व नगदी व सामान उन्हें सौंप दिया। जिस पर अनाउंसमेंट करवाई गई। कीर्ति देवी द्वारा सामान की पहचान किए जाने पर उन्हें सौंप दिया गया।
यह रहे मौजूद
इस अवसर पर हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की सदस्य बीबी परमिंदर कौर, गुरुद्वारा मैनेजर गुरविंदर सिंह चौगामा, जत्थेदार गुरजिंदर सिंह, जोगिंदर सिंह पाहवा, शोभा सिंह, कृपाल सिंह, जोगेंद्र सिंह पाहवा, दलबीर सिंह सेठी, टहल सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।