(Jind News) जींद। हरियाणा कंप्यूटर प्रोफेशनल संघ के आह्वान पर सोमवार को कंप्यूटर ऑपरेटर हड़ताल पर रहे। हड़ताल के चलते सरकारी कार्यालयों का कामकाज ठप रहा। जिसके चलते सरकारी सेवाएं भी बुरा तरह प्रभावित रही। सरकारी कार्यालयों में कामकाज के सिलसिले में आए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सोमवार को जिले में तहसील कार्यालय में एक भी रजिस्टरी नहीं हो पाई। जिसके चलते सरकार को लगभग पांच करोड़ का राजस्व नही मिला।
जिला के कंप्यूटर ऑपरेटर शत-प्रतिशत हड़ताल पर रहे
वहीं इंतकाल, ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, जमाबंदी का काम भी नही हो पाया। जिला के कंप्यूटर ऑपरेटर शत-प्रतिशत हड़ताल पर रहे। तहसील कार्यालय तो पूरी तरह से सुनसान नजर आ रहा था। लोग सुबह से ही तहसील कार्यालय में लाइनों में लगे थे लेकिन बाद में जब पता चला कि कंप्यूटर ऑपरेटर हड़ताल पर हैं तो लोग बैरंग ही वापस लौट गए। वहीं ई-दिशा केंद्र में भी लोग परेशान रहे। वहां आधी से ज्यादा सीटें भी खाली थी। ड्राइविंग, आरसी समेत अन्य कई कार्यों के लिए पहुंचे लोगों को बिना कार्य करवाए वापस लौटना पड़ा।
गौरतलब है कि कंप्यूटर ऑपरेटरों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया हुआ था। उन्होंने करनाल में डेरा डाल दिया है। कंप्यूटर ऑपरेटर का कहना है कि सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारी पिछले लंबे समय से कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने जॉब सिक्योरिटी देने और जल्द से जल्द स्पेशल रेगुलराइजेशन पॉलिसी लाई जाए लेकिन सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही। इसीलिए कंप्यूटर ऑपरेटरों ने हड़ताल करने का फैसला लिया है। अब कंप्यूटर ऑपरेटर अपनी मांगे मनवाने के लिए लंबी लड़ाई लडऩे के लिए तैयार हैं।
कंप्यूूटर आपरेटर के हडताल पर चले जाने के कारण सरकारी राजस्व भी प्रभावित हुआ
कंप्यूूटर आपरेटर के हडताल पर चले जाने के कारण सरकारी राजस्व भी प्रभावित हुआ है। जिले की तहसीलों में लगभग 700 रजिस्टरी औसतन होती जिस से स्टाम्प डयूटी के तौर पर लगभग पांच करोड़ का राजस्व सरकार को मिलता है। कंप्यूटर आपरेटर के हड़ताल पर चले जाने के कारण कोई रजिस्टरी नही हुई। जिसके चलते सरकारी राजस्व भी प्रभावित हुआ है।
सरकारी विभागों में बहुत सारे कंप्यूटर ऑपरेटर ऐसे हैं जो 20 साल से काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक पक्का नहीं किया गया है। सरकार उनको नियमित करने की बजाए उनके हितों पर कुठाराघात कर रही है। कंप्यूटर ऑपरेटर अब 26 और 27 नवंबर को भी दो दिन की हड़ताल के जरिये सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करने जा रहे हैं। कंप्यूटर ऑपरेटर की हड़ताल के कारण आम लोग परेशान दिखाई दिए तो वहीं कार्यालय खाली.खाली से नजर आए।
सरकार को एक दिन में करोड़ों रुपये का नुकसान होगा। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है
हरियाणा कंप्यूटर प्रोफेशनल संघ के संगठन मंत्री हवा सिंह तंवर ने बताया कि संगठन ने जब भी कोई आंदोलन किया, सरकार ने उनको लिखित में समझौता पत्र दिया लेकिन सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए संघ ने इस वादा खिलाफी के खिलाफ आंदोलन में जाने का फैसला लिया है। इसके कारण कंप्यूटर की सभी सेवाएं ठप रहेगी। जिससे सरकार को एक दिन में करोड़ों रुपये का नुकसान होगा। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। यदि सरकार ने उनसे बातचीत या ठोस आश्वासन नहीं दिया तो उनकी हड़ताल अनिश्चितकालीन हो जाएगी।
नायब तहसीलदार बलराम जाखड़ ने बताया कि तहसील कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर नहीं थे। जिसके कारण एक भी रजिस्टरी नहीं हो पाई। तहसील के इंतकाल, जमाबंदी, फरद जैसे कार्य भी नहीं हुए। वहीं ई-दिशा केंद्र में होने वाले अधिकतर कार्य भी बिना कंप्यूटर ऑपरेटरों के नहीं हो पाए, जिसके कारण लोगों को बैरंग लौटना पड़ा।