- नागरिक अस्पताल में हुआ विश्व श्रवण दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम
(Jind News) जींद। नागरिक अस्पताल में सोमवार को विश्व श्रवण दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यवाहक सीएमओ डॉ. पालेराम कटारिया ने की। जबकि डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी व नाक, कान व गला विशेषज्ञ डा. अरविन्द ने आमजन को विश्व श्रवण दिवस बारे विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में ईएनटी डॉ. बृजेंद्र घनघस, फिजिशियन डा. विनीता यादव, मैट्रन इंद्रो, आईसीएन सुनीता दूहन, मेडिकल सोशल वर्कर सुनील सैनी, नर्सिंग ट्यूटर संजू, सहायक सुनील, मनजीत, हरियाणा कौशल कर्मचारी, नर्सिंग स्टूडेंट, फार्मेसी स्टूडेंट आदि उपस्थित रहे।
हर वर्ष अलग-अलग थीम के साथ लोगों को जागरूक किया जाता
डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि हर वर्ष तीन मार्च को विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है। हर वर्ष अलग-अलग थीम के साथ लोगों को जागरूक किया जाता है। इस वर्ष की थीम है मानसिकता बदलें, स्वयं को सशक्त बनाएं। डॉ. भोला ने कहा कि कई बार जब तक हमें पता चलता है कि वाकई सुनने में कोई दिक्कत हो रही है तब तक कान के 30 फीसदी हियर सेल्स नष्ट हो चुके होते हैं।
इसलिए शरीर के सभी अंगों की तरह अपने कानों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। कान व गला विशेषज्ञ डॉ. अरविन्द ने बताया कि कान में किसी भी तरह की समस्या हियरिंग लॉस का कारण बन सकती है। कान से वैक्स का बहना, सर्दी, जुखाम रहना और कान में दर्द होना, कान लाल होना, कान में अत्यधिक मात्रा में वैक्स बनना, वैक्स साफ न होने के कारण इंफेक्शन होना या पस पडऩा, पस का बाहर निकलना, बुखार होना, कानों में सीटी जैसी आवाजें सुनाई देना इसके मुख्य कारण हैं। इनसभी बातों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
संगीत समारोह और अन्य कार्यक्रमों में ईयर प्लग का उपयोग करें
बहरेपन से बचाव के लिए शोर से बचें, आवाज कम रखें। संगीत समारोह और अन्य कार्यक्रमों में ईयर प्लग का उपयोग करें। किशोरी बालिकाओं को रूबैला टीकाकरण करवाएं। कान के अंदर कुछ भी नही डालें। नियमित रूप से सुनने की जांच करवाएं। ईएनटी डॉ. बृजेंद्र घणघस ने बताया कि अगर आपको सुनाई देना कम हो गया हो या कान में इंफेक्शन हो तो तुरंत ईएनटी डॉक्टर को दिखाना चाहिए। तेज आवाज में लगातार इयरफोन से संगीत नहीं सुनना चाहिए।
घर पर कानों की सफाई की कोशिश ना करें और यह काम विशेषज्ञ से ही कराएं। कानों में हेयरक्लिप्स, सेफ्टी पिन, माचिस की तीली एवं तीखी वस्तुएं डालने से बचें, इनसे कानों का पर्दा भी फट सकता है। बिना चिकित्सक के परामर्श के दर्दनिवारक दवाओं, एंटीबायोटिक आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
जब तेज आवाज सुनने से बचना चाहिए। कम सुनाई दे तो ऑडियोमीट्री जांच कराएं। कान हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग और यह हमें हर तरह की आवाज को सुनने की क्षमता प्रदान करता है। ऐसे में बहरेपन से अगर दूर रहना है तो अपने कानों का विशेष ध्यान रखें और नियमित अंतराल पर ईएनटी चिकित्सक से अपने कानों की जांच करवाते रहें।