Jind News:भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में आए पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने बताया भाजपा, कांग्रेस के कल्चर में फर्क

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Former MP Brijendra Singh, who left BJP and joined Congress, told the difference between the culture of BJP and Congress.
लोधर गांव पहुंचे पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता बृृजेंद्र सिंह।

(Jind News)जींद। उचाना  हलके मे जनसंपर्क अभियान के तहत लोधर, मांडी गांव में पहुंचे पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह का कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। निरंतर हलके के गांवों में दौरों के दौरान बृजेंद्र सिंह का जन समर्थन मिल रहा है। अब तक वो 22 गांवों के दौरे कर चुके है।

भाजपा में नहीं है बोलने की अभिव्यक्ति : बृजेंद्र सिंह

भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में आए पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने भाजपा, कांग्रेस के कल्चर में फर्क बताते हुए कहा कि भाजपा, कांग्रेस में कल्चर में बहुत फर्क है। सबसे बड़ा फर्क ये है कि बीजेपी में बोलने की अभिव्यक्ति नहीं है।कहने को पार्टी के अंदर बात कर सकते हो लेकिन वहां भी आम तौर पर जब कोई मीटिंग होती है तो उसमें पहले से ही तय स्क्रिप्ट होती है। वहां फैसले भी ऐसा लगता है कि पहले से ले रखे होते है सिर्फ उनका अनुमोदन करवाने के लिए मीटिंग या चर्चा करवाई जाती है। कांग्रेस इस हिसाब से बहुत अलग है। कांग्रेस में तो जो भीतरी लोकतंत्र है वो बहुत है। आपकी जो बात उसको खुलकर बोल सकते है।

एक चीज जरूर कहूंगा कांग्रेस को अपने संगठन का विस्तार नहीं उसको बनाने के ऊपर प्रयास करना चाहिए। कांग्रेस का विस्तार तो बहुत बड़ा है लेकिन अभी क्या है संगठन के नाम पर जो लोग नेताओं के साथ जुडे है चाहे वो विधानसभा स्तर पर हो लोकसभा स्तर पर हो राज्यस्तर पर हो उस तरह से संगठन चल रहा है। संगठन गांव, ब्लॉक, हलकास्तर, जिलास्तर पर करें तो उसका बहुत प्रभाव रहता है। विधानसभा का जो चुनाव है उसमें उसकी अहमितय और ज्यादा बढ़ जाती है। विधानसभा चुनाव में मुकाबले कड़े होते है लोकसभा के मुकाबले।

लोकसभा का चुनाव पार्टी एवं हवा के हिसाब से चलता है। इस बार लोकसभा में लोगों ने मन बना रख था भाजपा को सबक सिखाने का वो उन्होंने सिखाया लेकिन पोलिंग वाले दिन संगठन की कमी जरूर महसूस हुई। कोई भी काम है खासकर इंफ्राट्रक्चर का ठीक है समय सीमा तय होनी चाहिए जिसके अंदर काम खत्म हो लेकिन काम पुख्ता होना चाहिए। आमतौर पर बारिश शुरू हो जाती है तो उस समय कंट्रक्शन का काम नहीं होता विशेषकर सड़कों का तो बिल्कुल नहीं होता। इस मौके पर राममेहर दनौदा, सोनू भानखुड, नरेश वाल्मीकि, बलवान गिल, नफे सिंह, गुरूदेव सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।