- नई कृषि व्यापार नीति रद्द कर एमएसपी की गारंटी दी जाए
(Jind News) जींद। 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर नरवाना रोड पुल से लेकर पटियाला चौक, रानी तालाब होते हुए नए बस अड्डे तक ट्रैक्टर व वाहन मार्च निकाला गया। इस मार्च में मुख्य किसान सभा, सीटू, सर्व कर्मचारी संघ व भारतीय किसान यूनियन घासी राम, रिटायर्ड कर्मचारी संघ आदि संगठनों से संबंधित किसान, मजदूर, कर्मचारी, रिटायर्ड कर्मचारी व नौजवान शामिल हुए।
किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष फूल सिंह श्योकंद, सीटू जिला सचिव कपूर सिंह व सकसं केंद्रीय कमेटी सदस्य सुरेश राठी ने कहा कि पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश के संसाधनों को कोडिय़ों के भाव लुटवाया जा रहा है। केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से गरीब और अमीर की खाई चोड़ी होती जा रही है। किसानों के काले कानूनों को दूसरे रास्ते से लागू करवाने की मंशा है।
किसान फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने की गारंटी देने वाला कानून बनाने की मांग कर रहे
किसान लंबे समय से एमएसपी गारंटी कानून, सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने की गारंटी देने वाला कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। कपूर सिंह ने कहा कि लेबर कोड श्रमिकों के अधिकारों का हनन करता है और उन्हें कमजोर बनाता है। सकसं जिला प्रधान संजीव ढांडा ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार विभागों का निजीकरण कर रही है। हरियाणा में 8वें वेतन आयोग को लागू नहीं किया जा रहा।
किसान व मजदूरों को कर्ज मुक्त किया जाए
उन्होंने मांग की कि नई कृषि व्यापार नीति रद्द की जाए। एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए। किसान व मजदूरों को कर्ज मुक्त किया जाए। स्मार्ट मीटर योजना बिजली निजीकरण नहीं चलेगा। मजदूर विरोधी चार मजदूर कोड रद्द करो। निर्माण मजदूरों का रद्द किया गया पंजीकरण बहाल किया जाए।
श्रम कल्याण बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए। मनरेगा में 200 दिन काम और 700 रुपये मजदूरी प्रतिदिन दी जाए। परिवार पहचान. पत्र की अनिवार्यता खत्म की जाए। मजदूरों की बकाया सुविधा राशि जारी की जाए। पुरानी पेंशन बहाली के लिए। नई शिक्षा नीति रद्द की जाए।
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