- डीसी को सौंपा ज्ञापन, किसान नेता सिंह डल्लेवाल की जान बचाने व किसानों पर दर्ज मुकद्दमें वापस लेने की मांग
(Jind News) जींद। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाने, दिल्ली जा रहे किसानों पर हो रहे दमन को बंद करने, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करने तथा राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति वापस लेने सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों ने शहर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने लघु सचिवालय पहुंच कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीसी को सांैपा।
केंद्र सरकार लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करके किसान संगठनों और मंचों से जानबूझ कर बातचीत नहीं कर रही
ज्ञापन देने से पहले किसानों ने राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति की प्रतियां फूंकी। प्रदर्शन का नेतृत्व किसान सभा के राज्य प्रधान मास्टर बलबीर सिंह, बीकेयू घासीराम के राज्य प्रधान जोगेंद्र नैन व बीकेयू टिकैट के बारूराम ने किया। किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि मोदी नेतृत्व वाली एनडीए 3 की केंद्र सरकार लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करके किसान संगठनों और मंचों से जानबूझ कर बातचीत नहीं कर रही है।
जिस कारण किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ भारी रोष है। एनडीए 2 सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष के मध्यनजर नौ दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हस्ताक्षरित समझौते का बेशर्मी से उल्लंघन किया है। जिसने तीन कृषि अधिनियमों को निरस्त करना सुनिश्चित किया था। एसकेएम ने 18वीं लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए 3 सरकार के सत्ता में आने के ठीक बाद 16, 17, 18 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री, संसद के दोनों सदनों के विपक्ष नेताओं और संसद सदस्य को ज्ञापन सौंपे थे।
किसानों ने नौ अगस्त 2024 को पूरे देश में कृषि पर कॉर्पोरेट नियंत्रण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। किसान मोर्चा ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और कृषि श्रमिक संघ व मंचों के साथ मिल कर 500 से अधिक जिला में बड़े पैमाने पर मजदूर किसान विरोध प्रदर्शन किए हैं। किसान नेताओं ने बताया कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा के 109 किसानों को झूठे केस में फंसा कर पिछले 21 दिनों से जेल में बंद किया हुआ है।
उन्होंने मांग की कि किसान संगठनों के साथ बात करें और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाए
इन किसानों पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। इन किसानों को तुरंत जेल से रिहा किया जाए। केंद्र की एनडीए 3 सरकार नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति लेकर आ रही है, जो तीन कृषि कानून को पिछले दरवाजे से फिर से लागू करने की कॉर्पोरेट एजेंडे की रणनीति का हिस्सा है। हम इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे।
इस मौके पर डिंपल दनौदा, बलविंद्र, ज्ञानी राम, वेदप्रकाश, आजाद पालवा, छाजूराम सहित अन्य किसान नेताओं ने भी प्रदर्शन को संबोधित किया। उन्होंने मांग की कि किसान संगठनों के साथ बात करें और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाए। दिल्ली कूच करने वाले किसानों का दामन रोकें। नोएडा व ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करें। राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लें। सभी किसान संगठनों के साथ तत्काल चर्चा करें और सभी लंबित मुद्दों का समाधान करें।
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