- बजली कानून व स्मार्ट मीटर योजना रद्द की जाए, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
(Jind News) जींद। किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मंगलवार को शहर में प्रदर्शन किया और मांगों को लेकर ज्ञापन एसडीएम सत्यवान मान को सौंपा। प्रदर्शन में किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन से संबंधित किसानों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।
देश व प्रदेश का किसान अपनी मांगों व मुद्दों को लेकर लगातार आंदोलनरत
प्रदर्शन से पहले नेहरू पार्क में किसानों ने रोष बैठक की। जिसकी अध्यक्षता किसान नेता बारु राम, चांद बहादुर, रमेश कंडेला, सिक्किम, आजाद पालवां, मजदूर नेता रमेश चंद्र ने की। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश का किसान अपनी मांगों व मुद्दों को लेकर लगातार आंदोलनरत है लेकिन केंद्र व प्रदेश कि बीजेपी सरकार लगातार इनकी अनदेखी कर रही है। जिस कारण किसानों कि समस्या ज्यों कि त्यों बनी हुई है। किसान नेताओं ने बताया कि 25 नवंबर 2024 को केंद्र सरकार श्कृषि विपरण पर राष्ट्रीय नीति फ्रेमवर्क लेकर आ गई।
जो रद्द किए गए तीन कृषि कानूनों में से एक है। अर्थात रद्द करवाए गए तीन कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से लागू करना चाहती है। जिसे किसान कभी भी बर्दाश्त नही करेगी। किसान नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार बिजली कानून लेकर आ रही है, साथ ही स्मार्ट मीटर योजना लागू कर रही है। जिनके आने के बाद आम जनता कि पहुंच से बिजली लगभग बाहर हो जाएगी। उन्होंने मांग की कि बिजली कानून व स्मार्ट मीटर योजना रद्द की जाए।
किसानों पर बनाए गए मुकदमें रद्द किए जाएं
स्वामिनाथन आयोग की सिफारिश अनुसार फसलों की खरीद की जाए। किसानों पर बनाए गए मुकदमें रद्द किए जाएं। किसानों के खरीफ व रबी की फसलों के बकाया मुआवजे जारी किए जाएं।
किसान व मजदूरों को कर्जमुक्त किया जाए। सरसों की फसलों की तुरंत खरीद की जाए। लंबित ट्यूब्वेल कनेक्शन जारी किए जाएं। मनरेगा का विस्तार किया जाए व दिहाड़ी बढाई जाए। आवारा पशुओं की समस्या का निदान किया जाए।
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