Jind News : सरकार की नई खेती नीति के विरोध में किसानों ने प्रतियां फूंक किया प्रदर्शन

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Jind News : सरकार की नई खेती नीति के विरोध में किसानों ने प्रतियां फूंक किया प्रदर्शन
मांग पत्र दिखा कर रोष जताते हुए किसान।
  • किसानों के लिए सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद गारंटी कानून बनाया जाए

(Jind News) जींद। भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर सोमवार को सरकार की नई खेती नीति के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन किया और जींद-गोहाना मार्ग पर प्रतियां फूंक कर रोष जताया। प्रदर्शन से पहले किसानों ने पार्क में रोष बैठक की। किसानों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला, प्रवक्ता छज्जूराम कंडेला, किसान नेता प्रकाश राजपुरा भैण ने कहा कि सरकार लगातार किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है। किसानों की मांगों को माना भी जा चुका है लेकिन उन्हें पूरा नही किया जा रहा है।

मांग : पूरे देश के किसानों के लिए सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद गारंटी का कानून बनाया जाए

उन्होंने मांग की कि पूरे देश के किसानों के लिए सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद गारंटी का कानून बनाया जाए और डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव तय किए जाएं। किसानों और मजदूरों की पूर्ण कर्ज मुक्ति की जाए। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूरे देश में भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की लिखित सहमति एवं कलेक्टर रेट से चार गुणा मुजावजा देने के प्रावधान लागू किया जाए।

लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को सजा एवं पीडि़त किसानों को न्याय दिया जाए। साथ ही 2020-21 के किसान आंदोलन के सभी मुकद्में रद्द किए जाएं। भारत विश्व व्यापार संगठन से बाहर आए तथा सभी गुप्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई आए। किसानों और खेत मजदूरों को 10 हजार रुपये पंैशन दी जाए।

मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसलों के लिए राष्ट्रीय आयोग गठन किया जाए

पीएम फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाए। बिजली संशोधन विधायक 2023 को रद्द किया जाए। मनरेगा के तहत प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार 700 रुपये का मजदूरी भत्ता दिया जाए एवं मनरेगा को खेती के साथ जोड़ा जाए। नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां एवं खाद बनाने वाली कंपनियों पर सख्त दंड और जुर्माना लगाने के प्रावधान तय किए जाएं एवं बीजों की गुणवत्ता में सुधार किए जाएं।

मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसलों के लिए राष्ट्रीय आयोग गठन किया जाए। किसान आंदोलन के दौरान निहत्थे व निर्दोष किसानों पर गोलियां चलाने एवं अत्याचार करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

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