- पत्ता लपेट से कपास की फसल को बचाने के लिए किसान महंगा स्प्रे भी करने को मजबूर
(Jind News) जींद। कपास की फसल में पत्ता लपेट बीमारी आने से किसानों को फसल का उत्पादन प्रभावित होने का डर सताने लगा है। पत्ता लपेट की बीमारी से जो फसल का टिंडा होता है उसमें कीड़ा होने लग जाता है। जिससे टिंडे के अंदर जो कपास होती है वो खराब होने लग जाती है। ऐसे में फसल का उत्पादन प्रभावित हो जाता है। पत्ता लपेट से कपास की फसल को बचाने के लिए किसान महंगा स्प्रे भी करने को मजबूर हो रहे है। हर बार गुलाबी सूंडी का प्रकोप फसल में होता था लेकिन इस बार गुलाबी सुंडी का प्रकोप बीते साल की अपेक्षा कम है।
किसान जयबीर, दिलबाग, बीरेंद्र ने कहा कि कपास की फसल में हर साल बीमारी आने से किसानों का कपास की फसल की बिजाई करने से मोह भंग होने लगा है। इस बार पत्ता लपेट बीमारी कपास में आ चुकी है। ऐसे में किसानों को महंगा स्प्रे एवं कीटनाशक दवा का छिड़काव करना पड़ रहा है। प्रति एकड़ किसान को 1500 से दो हजार रुपये तक का खर्च करना पड़ रहा है। इस बार फसल के अनुकूल भी मौसम नहीं रहा है। पत्ता लपेट आने से फसल का उत्पादन भी प्रभावित होगा। बारिश कम होने के चलते इस बार फसलों में बीमारी हो रही है। इस बार प्रति एकड़ 15 से 20 मण कपास होने की उम्मीद थी लेकिन बीमारी कपास में आने के चलते पांच से सात मण कपास की आवक होती नजर आ रही है।
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