• हिमोफिलिया मरीजों को किसी तरह की नही आने दी जाएगी परेशानी : सीएमओ डा. सुमन कोहली

(Jind News) जींद। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में हिमोफीलिया रोग को लेकर फैक्टर ड्रिस्ट्रीब्यूटर कैंप व जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सीएमओ डॉ. सुमन कोहली, एमएस डॉ. अरविंद, नोडल अधिकारी डॉ. शिप्रा, डॉ. जितेंद्र, डॉ. संकल्प, डॉ. चंद्रमोहन सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा। सीएमओ डा. सुमन कोहली ने हिमोफिलिया मरीजों को आश्वावस्त किया कि उन्हें किसी तरह की परेशानी नही आने दी जाएगी। अस्पताल द्वारा हीमोफीलिया मरीजों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।

हीमोफीलिया में खून बहना बंद नहीं होता

हीमोफीलिया की नोडल अधिकारी डा. शिप्रा ने हिमोफिलिया रोग को लेकर जानकारी दी और बताया कि शरीर में थोड़ा कट लगे के बाद थोड़ा खून बहना के बाद बंद हो जाता है लेकिन कई लोगों के साथ ऐसा नहीं होता है। हीमोफीलिया में खून बहना बंद नहीं होता है और इसमें जान जाने का भी खतरा होता है। यह बीमारी अधिकतर आनुवांशिक कारणों से होती है यानी माता-पिता में से किसी को ये बीमारी होने पर बच्चे को भी हो सकती है। बहुत कम ऐसा होता है कि किसी और कारण से बीमारी हो।

हीमोफीलिया दो तरह का

नोडल अधिकारी डॉ. शिप्रा ने बताया कि हीमोफीलिया दो तरह का होता है। हीमोफीलिया ए में फैक्टर 8 की कमी होती और हीमोफीलिया बी में घटक 9 की कमी होती है। दोनों ही खून में थक्का बनाने के लिए जरूरी हैं। यह एक दुर्लभ बीमारी है। उन्होंने बताया कि एक समय पहले हीमोफीलिया का इलाज मुश्किल था लेकिन अब घटकों की कमी होने पर इन्हें बाहर से इंजेक्शन के जरिये डाला जा सकता है। अगर बीमारी की गंभीरता कम है तो दवाइयों से भी इलाज हो सकता है। अगर माता या पिता को ये बीमारी तो उनसे बच्चे में आने की संभावना होती है।

ऐसे में पहले ही इसकी जांच कर ली जाती है। वहीं भाई-बहन में से किसी एक को है लेकिन दूसरे में उस समय इसके लक्षण नहीं है तो आगे चलकर भी ये बीमारी होने की आशंका बनी रहती है। इसलिए बीमारी का समय पर पता चल जाने पर इंजेक्शन देकर इलाज हो सकता है।

अब तक 39 के करीब हीमोफीलिया के मरीज

उन्होंने बताया कि सिर में बहुत तेज दर्द होना, बार-बार उल्टी आना, गर्दन में दर्द होना, धुंधला या दोहरा दिखना, बहुत ज्यादा नींद आना, चोट से लगातार खून बहना आदि लक्ष्ण दिखें तो तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए और परामर्श लेना चाहिए। जिले में अबतक 39 के करीब हीमोफीलिया के मरीज हैं। जिसका रजिस्ट्रेशन जिला जींद अस्पताल में किया जा चुका है और इनको एक विशेष पहचान पत्र भी दिया जा चुका है। जिससे इनको इलाज में सुगमता और हरियाणा रोडवेज में निशुल्क सेवाएं प्राप्त होती हैं। मरीजों को आईसपैक वितरित किए गए हैं। हीमोफीलिया सोसायटी की तरफ से आशुतोष भी मौजूद रहे।

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