• 15 दिन का बैकअप जरूरी, रिकार्ड रजिस्टर भी रखना होगा मेनटेंन

(Jind News) जींद। जिला के सभी मेडिकल शॉप संचालकों को अपनी शॉप को सीसीटीवी की निगरानी में रखना होगा। सीसीटीवी की निरंतर जांच करनी होगी कि वह वर्किंग में है या नही। सीसीटीवी का कम से कम 15 दिन का बैकअप होना अनिवार्य होगा। मेडिकल स्टोर में दवाइयों की बिक्री का रजिस्टर भी मैनटेंन रखना होगा। यह निर्देश डीसी मोहम्मद इमरान रज्जा ने मंगलवार को एनकोड के तहत आयोजित अधिकारियों की बैठक में दिए।

डीसी ने स्पष्ट किया कि मेडिकल स्टोर संचालकों को नियमों की पालना करनी होगी। रजिस्टर में हर प्रकार की दवाइयां की एंट्री करनी होगी। किसी भी प्रकार की कोताही मिलने पर सम्बन्धित के खिलाफ जरूरी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

नशे को दूर करने के लिए संस्थाओं की मदद लेगा प्रशासन

नशा मुक्त बनाने की मुहिम में अब प्रशासन सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की मदद लेगा। युवाओं को अधिक से अधिक मुहिम से जुडऩे के लिए प्रेरित करेगा। इसके अलावा स्कूलों में कार्यक्रम होंगे। उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने मंगलवार को स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी किए।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त विवेक आर्य, जिला परिषद के सीईओ अनिल दून, जींद के एसडीएम सत्यवान सिंह मान, नगराधीश डा. आशीष देशवाल सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे। डीसी ने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए शिक्षण संस्थान अपने- अपने स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से नशे के दुष्परिणाम बताएं। स्कूलों व कॉलेजों में खेलकूद व अन्य गतिविधियों के दौरान भी छात्रों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करें।

नशा मुक्त जिला हमारी सामूहिक जिम्मेदारी : एसपी

पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि जिला जींद को नशामुक्त बनाना हम सब की सामूहिक जिम्मेवारी है। युवाओं को नशे से बचाने तथा नशे से पीडि़ता के इलाज के लिए सामान्य अस्पताल व अन्य स्थानों पर नशा मुक्ति केंद्र भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा भी समय-समय पर नागरिकों को नशे से बचने के बारे में जागरूक किया जाता और नशा बेचने वाले की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाती है।

उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि अगर आपके आसपास कोई नशीले पदार्थ बिक्री करता है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस प्रशासन को देंए सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने सीमावर्ती क्षेत्रों में मादक पदार्थों की तस्करी पर नियंत्रण के लिए अब तक हुई कार्यवाहियों की समीक्षा करते हुए कहा कि समस्त एजेंसियां आपसी तालमेल से तस्करी पर रोक लगाएं।

सीमा पार से आने वाले नशीले पदार्थों और इनमें संलिप्त अपराधियों के खिलाफ  सख्त कार्यवाही की जायें। नशीली दवाओं के व्यापार में संलिप्त मेडिकल व अन्य दुकानदारों व व्यक्ति पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाए ताकि उनकी बिक्री और उपयोग पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त अभियान की सफलता के लिये आमजन की जागरूकता और उनकी सहभागिता आवश्यक है।

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