Jind News : 15 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

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Employees demonstrated for 15 point demands
मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए कर्मचारी।

(Jind News) जींद। हरियाणा सरकार की कर्मचारियों के प्रति उदासीनता व 15  सूत्रीय मांगों पर वार्ता ना करने के खिलाफ  सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर बुधवार को कर्मचारियों ने लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व जिला प्रधान संजीव ने किया व मंच का संचालन मनदीप नेहरा ने किया। प्रदर्शन में पूरे जिले के सभी विभागों के कर्मचारी शामिल हुए व सरकार के खिलाफ  नारेबाजी करते हुए शहर के अंदर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन उपरांत हरियाणा सरकार के नाम तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए राज्य प्रधान धर्मबीर फोगाट व बिजली के राज्य प्रधान सुरेश राठी, सहसचिव सुनीता कालिरामण ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार अपने नौ वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश के कर्मचारियों की मांगों को ना माने व टालने वाला रुख रहा है। संघ व संबंधित संगठनों द्वारा बार-बार किए गए आंदोलन में की गई मांगों को सुनने व समाधान करने की बजाय सरकार ने दमन व फूट डालने का रास्ता अपनाया है। जोकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में उचित नही है। भाजपा व जजपा द्वारा कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं करना सरकार का अती अहंकारी रवैया है। ऐसे में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा को सरकार से मांगों को लागू करवाने के लिए संघर्ष करने को मजबूर होना पड़ रहा है। बार-बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बाद भी कर्मचारियों से वार्ता करने का समय नही है। कर्मचारियों पर सरकार विरोधी होने का आरोप लगाना आसान है लेकिन कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से उनकी मांग मुद्दों पर वार्ता करना सरकार की समझ से परे है। तमाम कर्मचारी अपने मुद्दों को लेकर पिछले नौ सालों से लड़ रहे हैं। सरकार केवल लाठी गोली के दम पर आवाज को दबाना चाहती है।

30 जुलाई तक मांगों का समाधान नहीं किया तो आगे बड़े आंदोलन की घोषणा

अब 30 जुलाई तक पूरे प्रदेश में जिला स्तरीय प्रदर्शन किए जा रहे हैं। यदि सरकार ने 30 जुलाई तक मांगों का समाधान नहीं किया तो आगे बड़े आंदोलन की घोषणा होगी। उन्होंने मांग की कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, पुरानी पेंशन बहाल की जाए, हरियाणा कौशल रोजगार निगम भंग किया जाए, जनसंख्या के अनुरूप खाली पड़े पदों पर स्थायी भर्ती की जाए, निजीकरण, आउटसोर्स,  ठेका प्रथा सार्वजनिक क्षेत्र की जमीन बेचने, लीज पर देने आदि पर रोक लगाई जाए, पावर बिल 2023, नई शिक्षा नीति 2020, रोड सेफ्टी बिल और चारों लेबर कोड बिल रद्द किए जाएं। चिरायु स्कीम के तहत मेडिकल सुविधा के कार्ड तमाम कच्चे कर्मचारियों को भी जल्द जारी किए जाएं।  लिपिक वर्ग के साथ किए गए विश्वासघात को ठीक करते हुए 25 अगस्त 2014 के मंत्रिमंडल फैसले अनुसार 35400 वेतनमान दिया जाए, जोखिम कार्य करने वाले तमाम प्रकार के कर्मचारियों को जोखिम भत्ता दिया जाए। ऑनलाइन तबादला नीति को रोक लगाई जाए। इस मौके पर ब्लॉक प्रधान मनदीप नेहरा, संदीप नेहरा, राजेश पूनिया, विक्रम संधू, दिलबाग, अमरजीत, संजीव सहित अनेक कर्मचारी नेता मौजूद रहे।

 

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