Jind News : जींद को फूलों की खेती का हब बनाने के लिए किए जाएंगे प्रयास : अर्जुन खटकड़

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Jind News : जींद को फूलों की खेती का हब बनाने के लिए किए जाएंगे प्रयास : अर्जुन खटकड़
पत्रकारों से बातचीत करते हुए अर्जुन खटकड़।
  • युवाओं को प्रशिक्षण देकर परंपरागत खेती की बजाए व्यवसायिक खेती के लिए किया जाएगा प्रेरित
  • खेती में लागत बढऩे के कारण खेती बन रही है घाटे का सौदा, इसलिए युवा जमीन बेचकर विदेशों का रुख करने को मजबूर

(Jind News) जींद। रेड मिर्ची एसोसिएटस के डायरेक्टर अर्जुन खटकड़ ने कहा कि जींद को फूलों की खेती का हब बनाने के लिए यहां जल्द ही एक बड़ा प्रोजैक्ट शुरु किया जाएगा ताकि किसानों का रुख परंपरागत खेती से हटाकर व्यवसायिक खेती की तरफ  किया जा सके। आज खेती में लागत ज्यादा होने व उत्पादन कम होने के कारण खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रही है। इसके चलते प्रदेश के युवा अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर विदेशों का रुख करने को मजबूर हैं।

आज खेती किसानों के लिए लगातार घाटे का सौदा बनती जा रही

अर्जुन खटकड़ रविवार को निजी होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ हॉलेंड के कृषि विशेषज्ञ डेरिक भी मौजूद रहे। अर्जुन खटकड़ ने कहा कि हमारे यहां प्राचीन काल में एक कहावत चलती थी कि उत्तम खेती मध्यम व्यापारी यानि की खेती को व्यापार से ज्यादा अच्छा माना जाता था लेकिन समय के साथ-साथ आज खेती किसानों के लिए लगातार घाटे का सौदा बनती जा रही है। इसका मुख्य कारण है खेती में कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग के कारण किसान का खर्च तो बढ़ रहा है लेकिन आमदनी इतनी ज्यादा नहीं है।

वहीं खेतों में बढ़ते कीटनाशकों के प्रयोग के कारण हमारा खान.पान व जमीन भी दूषित हो रही है। इससे भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियां पैदा हो रही हैं। हमारे किसान गेहूं व धान की फसलों के पीछे ही पड़े हुए हैं। जबकि धान के उत्पादन में सबसे ज्यादा पानी खर्च होता है। मात्र एक किलो चावल उगाने में 350 लीटर पानी खराब हो जाता है। इसलिए अब समय आ गया है कि किसानों को खेती के क्षेत्र में कुछ नया करने की आवश्यकता है। किसानों को परंपरागत खेती को छोड़कर खेती को व्यवसायिक तौर पर अपनाना होगा।

हॉलेंड जैसे देशों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता

खटकड़ ने कहा कि हॉलेंड की आबादी हरियाणा जितनी है लेकिन दुनिया में खाद्य वस्तुओं के निर्यात के मामले में विश्व में दूसरे नंबर पर है। हमें हॉलेंड जैसे देशों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। हॉलेंड में खेती को बिजनश के तौर पर किया जाता है। फूलों का सबसे ज्यादा उत्पादन हॉलेंड में होता है। इसलिए हरियाणा के किसानों को भी चाहिए कि वह भी कार्पोरेशन बनाकर खेती करें। जिस स्थान पर जैसा पानी व वातावरण हो उसके अनुकूल ही खेती करें। आज ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी किसानों के लिए अनेकों योजनाएं लागू कर रही है।

किसान समूह बना कर खेती कर रहे हैं और खेती से अच्छा मुनाफा ले रहे

यदि किसान थोड़ा सा प्रयास करें और लीक से हटकर कुछ अलग करने की सोचें तो उन्हें रोजगार के लिए दूसरे देशों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अपने देश में ऐसे बहुत से उदाहरण देखने को मिलते हैं कि जहां किसान समूह बना कर खेती कर रहे हैं और खेती से अच्छा मुनाफा ले रहे हैं।

खटकड़ ने कहा कि वह जींद में फूलों की खेती का जो प्रोजैक्ट शुरु करने जा रहे हैं वहां किसानों को खेती शुरु करवाने से पहले प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और उनकी फसल के अच्छे भाव दिलवाने के लिए उन्हें खरीददार भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।

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