Jind News : नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को मजबूत करने की कवायद

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Jind News : नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को मजबूत करने की कवायद
मशीरों की जानकारी देते हुए डॉ  मृत्युंजय।
  • इमरजेंसी वार्ड में आठ तरह के किए गए बदलाव, गंभीर मरीजों को मिलेगी जिंदगी की उम्मीद
  • उन्नत सीपीआर बेड,  एडवांस मॉनिटर्स की सुविधा रहेगी उपलब्ध

(Jind News) जींद। नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को मजबूत करने की कवायद शुरू हो गई है। यहां आने वाले गंभीर मरीजों को बेहतर उपचार मिले, इसके लिए कई बदलाव किए गए हैं ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके। इन बदलाव का उद्देश्य मरीजों को उच्चस्तरीय आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इन सुधारों को डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला के मार्गदर्शन में अंजाम दिया जा रहा है। उनके नेतृत्व में अस्पताल प्रशासन लगातार नए-नए कदम उठा रहा है।

यह किए गए हैं इमरजेंसी में बदलाव

1. उन्नत सीपीआर बेड : आपातकालीन स्थितियों के दौरान उच्च गुणवत्ता वाली सीपीआर सुनिश्चित करने के लिए विशेष सीपीआर बेड लगाए गए हैं। जिससे गंभीर मरीजों की जान बचाने की संभावना पहले से अधिक बढ़ जाएगी।
2. एडवांस मॉनिटर्स की सुविधा : सभी बेड पर एडवांस मॉनिटर्स लगाए गए हैं। जिससे हर मरीज को ईसीजी मॉनिटरिंग सहित जरूरी जांच तुरंत मिल सकेगी। इसके अलावा नए मॉनिटर्स भी इंस्टॉल करवाए गए हैं।
3. स्वचालित अंबू बैग मशीन : अस्पताल में एक ऑटोमैटिक अंबू बैग मशीन भी लगाई गई है, जो सीपीआर के दौरान एवं वेंटिलेटर के विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जा सकती है। यह मशीन उन मरीजों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगीए जिन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही हो।
4. साफ.-सफाई एवं सुरक्षा : इमरजेंसी वार्ड में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मरीजों व परिजनों को सही जानकारी और उचित दिशा-निर्देश देने के लिए बाहर एक सुरक्षा डेस्क स्थापित की गई है।
5. ट्रायाज एरिया में सुधार: ट्रायाज क्षेत्र में भी मॉनिटर्स लगाए गए हैं ताकि गंभीर मरीजों के वाइटल साइन वहीं मापे जा सकें और समय रहते उचित इलाज शुरू हो सके।
6. स्टाफ  प्रशिक्षण : रोजाना चिकित्सा कर्मियों एवं नर्सिंग स्टाफ  की ट्रेनिंग की जा रही है। मामलों पर विस्तार से चर्चा की जाती है, जिससे आपात स्थितियों में त्वरित एवं प्रभावी उपचार सुनिश्चित हो सके।
7. क्रैश कार्ट प्रबंधन: आपातकालीन दवाओं को सुव्यवस्थित रूप से क्रैश कार्ट में रखा गया है ताकि जरूरत पडऩे पर उन्हें बिना देरी उपयोग में लाया जा सके।
8. हर जीवन को बचाने का संकल्प : अस्पताल प्रशासन का दावा है कि उनका लक्ष्य हर मरीज की जान बचाना है। अगर किसी मरीज को रेफर भी करना पड़े, तो रास्ते में उसे कोई असुविधा न हो। इसके लिए भी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।

इमरजेंसी विभाग को और भी अत्याधुनिक बनाने के प्रयास जारी : डॉ. भोला

डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि इमरजेंसी में सभी तरह के सुधार एस्थीसियोलॉजिस्ट एवं क्रिटिकल केयर नर्सिंग इंचार्ज डा. मृत्युंजय गुप्ता एवं अन्य स्टाफ  के माध्यम से किए जा रहे हैं। सभी मिलकर इमरजेंसी सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास कर रहे हैं।

इमरजेंसी विभाग को और भी अत्याधुनिक बनाने के लिए प्रयास लगातार जारी रहेंगे ताकि मरीजों को जल्द से जल्द सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध हो सके।

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