- कक्षा तीसरी, चौथी और पांचवीं के विद्यार्थी पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र या कागज पर लिखेंगे पत्र
(Jind News ) जींद। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों को शिक्षकों के लिए सम्मान प्रकट करने के लिए 30 अगस्त से पांच सितंबर तक एक पत्र लेखन गतिविधि का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कक्षा तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के विद्यार्थी पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र या कागज पर लिख कर अपने शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान प्रकट करेंगे। शिक्षक केवल उसी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं हो सकते बल्कि कोई भी ऐसा व्यक्ति हो सकता है जिसने छात्र के ज्ञान और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। इसमें विद्यार्थी का मार्गदर्शक कोच, माता-पिता, भाई-बहन और अन्य कोई भी व्यक्ति हो सकता है, जो छात्र के लिए ज्ञान का महत्वपूर्ण स्रोत रहा है। इस कार्यक्रम में अभिभावक भी शामिल होंगे। विद्यार्थी अभिभावकों के साथ अपने नजदीकी डाकघर से पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय पत्र लिफाफा व स्टैंप आदि खरीदेंगे। विद्यार्थी उस पत्र पर अपना संदेश लिखेंगे और अभिभावकों तथा अध्यापकों की सहायता से यह सुनिश्चित करेंगे कि वह लिखित पत्र एक मान्य पते पर डाकघर के माध्यम से पहुंचे। यह सार्थक गतिविधि न केवल छात्र व शिक्षक के संबंध को मजबूत करेगी बल्कि विद्यार्थियों को पारंपरिक संवाद की खुशी और इस विशेष अवसर पर दिलों को जोडऩे में महत्वपूर्ण होगी। साथ ही उनकी लेखन कौशल को भी प्रोत्साहित करेगी।
यह रहेगा शेड्यूल
दो सितंबर को विद्यार्थियों ने अपने शिक्षक के साथ डाक टिकट प्राप्त करने के लिए स्थानीय डाकघर का दौरा किया। इस कार्य का उद्देश्य विद्यार्थियों को पिन कोड, डाकघर की प्रणाली व लेटर बॉक्स के बारे में समझाना है। वहीं तीन सितंबर को विद्यार्थी अपने शिक्षकों की मदद से ड्राफ्ट को सुधारने के बाद अंतिम संस्करण को साफ.-सुथरे ढंग से निर्धारित पोस्टकार्ड पत्र पर लिखेंगे। पत्र को अंतिम रूप में प्रस्तुत करने के लिए वर्तनी, व्याकरण और विराम चिन्हों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वहीं पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर छात्रों को इस गतिविधि में भाग लेने के अपने अनुभवों पर चिंतन करते हुए एक निबंध लिखने का अवसर मिलेगा। इसके बाद छात्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे उस व्यक्ति के साथ टेलीफोन, सोशल मीडिया से संपर्क में रहें, जिसे उन्होंने पत्र भेजा था और यह विचार करें कि पत्र का उनके संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ा। वहीं 30 अगस्त को शिक्षकों ने छात्रों को एक चर्चा में शामिल किया है। जिसमें शिक्षक की भूमिका के बारे में बात की गई। वहीं 31 अगस्त को शिक्षकों ने प्रत्येक कक्षा स्तर के अनुरूप निपुण दिशा निर्देशों के अनुसार एक सैंपल प्रदान किया था।
एफएलएन जिला कोऑर्डिनेटर राजेश वशिष्ठ ने बताया कि विद्यार्थियों में शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए पांच सितंबर तक पत्र लेखन गतिविधियां करवाई जा रही हैं। शिक्षक विद्यार्थी को अपने ज्ञान के माध्यम से सही आकार प्रदान करता हैए जो भविष्य में उसे जिम्मेदार नागरिक बनाता है। शिक्षक विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शक व परामर्शदाता होता है जो समाज की बौद्धिक और नैतिक नींव को आकार देता है।
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