- आल इंडिया में मिला 117वां रैंक, परिवार में जश्र का माहौल
- एमबीबीएस करने के बाद कोविड के दौरान यूपीएससी को बनाया लक्ष्य
(Jind News) जींद। मूलत: गांव किठाना हाल आबाद स्कीम नंबर पांच निवासी आकाश गोयल का चयन आईपीएस अधिकारी के तौर पर हो गया है। मंगलवार को जारी हुए यूपीएससी के रिजल्ट में उन्हें ऑल इंडिया में 117वां रैक मिला है। अब डॉ. आकाश भारतीय पुलिस में सेवा देंगे। आकाश गोयल के पिता सतबीर गोयल गांव शामलो कलां के सरकारी स्कूल में प्रार्चाय हैं। जबकि मां संध्या साधारण ग्रहणी हैं। बड़ी बहन डा. अवनी एमडी हैं। 25 वर्षीय आकाश ने दसवीं तक की पढ़ाई डीएवी पब्लिक स्कूल से की।
जिसके बाद मेडिकल से बारहवी प्रथम श्रेणी के साथ दिल्ली से की। वर्ष 2016 मे नीट क्लीयर कर दिल्ली मौलाना आजाद मेडिकल से एमबीबीएस में दाखिला लिया। वर्ष 2022 में एमबीबीए पास कर चार माह तक दिल्ली में नौकरी भी की। उसी दौरान उन्होंने यूपीएससी को लक्ष्य बनाया। पहला प्रयास क्लीयर नही हुआ। दूसरे प्रयास में इटरव्यूह में रह गया। मायूसी भी हाथ लगी लेकिन हिम्मत नही हारी। परिणाम अब सभी के सामने है।
परीक्षा चाहे कोई भी हो, उसमें सफलता के लिए जुनून और निरंतर प्रयास आवश्यक
आकाश की बड़ी बहन अवनी गोयल वर्तमान में जोधपुर में एमडी की पढ़ाई कर रही हैं। अब उसकी परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में वह बधाई देने के लिए जींद नहीं आ सकी। भाई की सफलता का समाचार सुनते ही उन्होंने तुरंत फोन पर अपने भाई को कांग्रेट्स बोल कर बधाई दी और इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की। पिता सतबीर गोयल ने कहा कि परीक्षा चाहे कोई भी हो, उसमें सफलता के लिए जुनून और निरंतर प्रयास आवश्यक होते हैं। जरूरी नही कि पढ़ाई 24 घंटे की जाए बल्कि पढ़ाई केंद्रित और लक्ष्य आधारित होनी चाहिए।
डॉ. आकाश ने बताया कि कोविड लक्ष्य को लेकर उसका टर्निंग प्वायंट रहा। उस दौरान चिकित्सक पेशे में लग्र के साथ मरीजों का इलाज किया। उसी दौरान समाज उत्थान और बड़े लेवल पर समाजसेवा की भावना प्रबल हुई। परिजनों को यूपीएससी के लक्ष्य के बारे में बताया तो उन्होंने पूरी छूट दी। माता-पिता तथा अपने दोस्तों के सहयोग से उनका यूपीएससी के माध्यम से सपना पूरा हुआ। उन्होंने बताया कि वे आठ से दस घंटे पढ़ाई को देते थे।
सोशल मीडिया से लगभग दूरी ही बना कर रखी
किक्रेट के साथ बेडमिंटन भी खेलते थे। सोशल मीडिया से लगभग दूरी ही बना कर रखी। उन्होंने कहा कि यूपीएससी में अमीर तथा गरीब सब के लिए बराबर मौके हैं, जरूरत मेहनत, लगन तथा जज्बे के साथ सही मार्गदर्शन की है। जिसके माध्यम से आसानी से लक्ष्य को भेदा जा सकता है।
डॉ. आकाश गोयल के पिता सतबीर गोयल ने बताया कि एमबीबीएस के बाद जब आकाश ने यूपीएससी के बारे में बताया तो फैसला उसी पर छोड़ दिया था। डा. आकाश गोयल की मां संध्या ने बताया कि उसे अपने बेटे पर गर्व है। यूपीएससी में डा. आकाश गोयल के 117वां रैंक आने पर बधाई देने वालो का तांता लगा रहा।
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