Jine News गुप्त नवरात्र की दूज पर की श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

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Devotees worshiped on the occasion of Gupt Navratri

जींद। गुप्त नवरात्र की दूज पर देवभूमि बनभौरी माता भ्रामरी धाम पर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना करके मनोकामना पूर्ति की माता से कामना की। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं ने नारियल, लाल चुनरी, प्रसाद से पूजा-अर्चना की। मंदिर पुजारी सुरेश कौशिक ने कहा कि हिंदू धर्म में चैत्र व शारदीय नवरात्र प्रमुख रूप से मनाए जाते है। माघ और आषाढ़ मास में भी नवरात्र आते है जिन्हें गुप्त नवरात्र के नाम से जाना जाता है। छह जुलाई से शुरू हुए गुप्त नवरात्र 15 जुलाई तक रहेंगे। श्रद्धालु पूर्ण श्रद्धा और आस्था से मां की पूजा-अर्चना करे। माता अभय प्रदान करने वाली अकाल मृत्यु हारने वाली वह सभी रोगों को दूर करने वाली है। उन्होंने कहा कि पूरे मन से मां की आराधना करो और मनवांछित फल के अधिकारी बनो। माता भ्रामरी सब इच्छाएं पूर्ण भक्तों की करें ये ही कामना माता से करते है। तृतीय गुप्त नवरात्रि पर माता को दूध का भोग लगाए, इससे सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। चुतर्थी पर माता को मालपूडा का भोग लगाए, इससे समस्याओं का अंत होता है। पंचमी तिथि पर माता को केले का भोग लगाए, इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। छठ को माता को शहद का भोग लगाए, इससे धन लाभ होने के योग बनते है। सप्तमी को माता को गुड़ का भोग लगाए, इससे हर मनोकामना पूरी होगी, अष्टमी तिथि को माता को नारियल का भोग लगाए, इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। नवमी को माता को विभिन्न प्रकार के अनाज का भोग लगाने से वैभव, यश मिलता है।