• सर्वशक्तिमयी है जगजननी मां वैष्णवी : आचार्य पवन

(Jind News) जींद। चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन सोमवार को श्रद्धालुओं ने मां ब्रह्मचारिणी व मां चंद्रघंटा की अराधना की। मंदिर श्रद्धालुओं से खचाखच भरे रहे। नवरात्रों में शहर में जगह-जगह कीर्तन आयोजित होने के कारण पूरा शहर मां दुर्गा की भक्ति में लीन हो गया है। जैसे-जैसे शाम होनी शुरू होती है वैसे-वैसे मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की संख्या भी बढऩे लगती है। नवरात्रों के दूसरे दिन भक्तों ने मां बृह्मचारिणी व मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना की
और सुखद भविष्य की कामना की।

श्रद्धालु जल्द से जल्द मां दुर्गा के दर्शनों के अभिलाषी

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि सुबह पांच बजे से ही मंदिर में भक्तों की लाइन लगनी शुरू हो जाती है। जिनमें महिलाओं तथा छोटे बच्चों की संख्या अधिक होती है। उन्होंने बताया कि अन्य दिनों की अपेक्षा नवरात्रों में भक्तों की भीड़ मंदिरों में ज्यादा जुटती है। श्रद्धालु जल्द से जल्द मां दुर्गा के दर्शनों के अभिलाषी होते हैं। श्रद्धालुओं का यह क्रम सुबह 11 बजे तक चलता है। शाम पांच बजे से श्रद्धालु फिर से मंदिर में आना शुरू हो जाते हैं। इसी समय भजन संध्या का भी आयोजन किया जाता है।

इसके अलावा रघुनाथ मंदिर, शीतला माता मंदिर, वैष्णवी धाम, बनभौरी माता, राधा कृष्ण मंदिर, दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर में आयोजित सत्संग तथा कीर्तनों से पूरा शहर भक्तिमय हो गया है। उधर, आचार्य पवन शर्मा ने कहा कि शाश्वत सुख, अखंड आनंद, परम शांति यही है सृष्टि के समस्त जीवों की नैसर्गिक भूख।

किंतु यह तभी शांत होगी जब मनुष्य को पूर्ण ब्रह्म परमात्मा का साक्षात्कार हो जाए। वस्तुत: जगजननी मां जगदंबा ही परब्रह्म परमात्मा है जो जगत में विभिन्न रूपों में विविध लीलाएं कर रही है। नवरात्र पर्व इन्हीं महाशक्ति की आराधना का सर्वश्रेष्ठ व प्रषस्त काल है। आचार्य पवन शर्मा माता वैष्णवी धाम में आयोजित नवार्ण महायज्ञ के शुभारंभ पर उपस्थित मातृभक्तों को संबोधित किया।

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