Jind News :पिंडारा तीर्थ में श्रद्धालु लगाएंगे श्रद्धा की डुबकी

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Jind News : पिंडारा तीर्थ में श्रद्धालु लगाएंगे श्रद्धा की डुबकी
पिंडारा तीर्थ, जहां श्रद्धालु आज श्रद्धा की डुबकी लगाएंगे।
  • पितरों को खुश करने के लिए मौनी अमावस्या पर पितृ तर्पण अवश्य करें : नवीन शास्त्री

(Jind News) जींद। वर्ष 2025 की पहली अमावस्या (मौनी अमावस्या) बुधवार को है और धार्मिक मान्याताओं में मौनी अमावस्या को विशेष महत्व दिया गया है। मौनी अमावस्या जहां पितरों को खुश करने के लिए विशेष महत्व रखती है वहीं पितृ दोष भी इसी दिन दूर किया जा सकता है। पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या की तिथि का प्रारंभ 28 जनवरी को रात 07 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 29 जनवरी को शाम को 06 बजकर 05 मिनट पर होगा।

पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर बुधवार को मौनी अमावस्या पर श्रद्धालु सरोवर में स्नान, पिंडदान करके करके तर्पण करेंगे। पिंडतारक तीर्थ के संबंध में किदवंती है कि महाभारत युद्ध के बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की।

पांडु पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता

बाद में सोमवती अमावस के आने पर युद्ध में मारे गए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया। तभी से यह माना जाता है कि पांडु पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है।

यह रहेगी पिंडदान विधि

मौनी अमावस्या के दिन सरोवर स्नान करें और इसके बाद सूर्य देव को अघ्र्य दें। पिंडदान सूर्योदय के दौरान करना शुभ माना जाता है। इसके बाद चौकी पर अपने पूर्वज की तस्वीर रखें। गाय के गोबर, आटा, तिल और जौ आदि से पिंड बनाएं। इसे पितरों को अर्पित करें। अब इसे पवित्र नदी में बहा दें।

पिंडदान के दौरान पितरों का ध्यान करें। इसके अलावा पितरों की शांति के लिए मंत्रों का जप करें। वहीं दान व स्नान करने से पितृ दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। वहीं इस दिन गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन अवश्य करवाना चाहिए। जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। अमावस्या के दिन पितरों को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए।

मौनी अमावस्या के दिन चावल का दान करने का विशेष महत्व रहता है

ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद हमारे जीवन पर बना रहता है। इस दिन पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं मौनी अमावस्या के दिन चावल का दान करने का विशेष महत्व रहता है।

मान्यता है कि ऐसा करने से सुख व समृद्धि आती है। मौनी अमावस्या के दिन तिल या तिल के लड्डू का भी दान किया जा सकता है। मौनी अमावस्या के दिन वस्त्र और कंबल के दान कर सकते हैं।

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