Jind News : जयंति योग में जनमाष्टमी पर्व मनाएंगे श्रद्धालु, द्वापर युग में बना था संयोग

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Devotees will celebrate Janmashtami festival in Jayanti Yoga, a coincidence was made in Dwapar Yuga
जन्माष्टमी पर्व को लेकर सजाया गया जयंती देवी मंदिर।
  • लड्डू गोपाल के लिए डे्रस व अन्य सामान खरीद रहे श्रद्धालु
  • जन्माष्टमी पर्व को लेकर मंदिरों में भी तैयारियां जोरों पर

(Jind News ) जींद। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अदभुत संयोग में मनाई जाएगी, जो द्वापर युग में बतना था। इस दिन रोहिणी नक्षत्र के साथ सूर्य सिंह में, चंद्रमा वृषभ राशि में और जयंति योग बन रहा है। ऐसा दुर्लभ संयोग बनना श्रद्धालुओं के लिए काफी शुभ है। इस योग में पूजा करने से कई गुणा लाभ अधिक मिलता है। जयंति योग में व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस बार अष्टमी 26 अगस्त को सुबह 03:39 पर आरंभ होगी और इसका समापन 27 अगस्त को देर रात 02:19 पर होगा। यानी 26 अगस्त की रात्रि में अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी। इस बार श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12:00 से 12:44 तक होगा।

यह रहेंगे पूजा के शुभ मुहुर्त

सुबह के समय पूजा का मुहुर्त प्रात:काल पांच बजकर 55 मिनट से सात बजकर 36 मिनट रहेगा। इसके बाद शाम के समय पूजा का मुहुर्त दोपहर तीन बजकर 35 मिनट से सात बजे तक रहेगा। रात के समय पूजा का मुहुर्त रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट रहेगा। अभिजीत मुहुर्त में भी पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है और यह मुहुर्त 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।

इस तरह करें श्रद्धालु पूजा और व्रत

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण की पूजा सभी संकटों से निकाल कर सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वरदान देने वाली मानी गई है। जन्माष्ठमी के दिन प्रात: जल्दी उठ कर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके व्रत का संकल्प लें। माता देवकी और भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र पालने में स्थापित करें। पूजन में देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा आदि देवताओं के नाम जपें। रात्रि में 12 बजे के बाद श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएं।

मंदिरों में दो दिन रहेगी धूम

जन्माष्टमी पर्व को लेकर मंदिरों में धूम रहेगी। मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। जयंती देवी मंदिर में जन्माष्टमी को लेकर श्रद्धालु विशेष पूजा की जाएगी। बाल गोपाल को झुलाने के लिए विशेष तौर पर झुला लगाया जा रहा है। इसके अलावा शहर के लक्ष्मी नारायण मंदिर,  भूतेश्वर मंदिर, रेलवे रोड पर राधा-कृष्ण मंदिर, माता वैष्णवी धाम, श्री शिव मंदिर, शिव चौक, रघुनाथ मंदिर की विशेष साज-सज्जा की गई है। वहीं घरों में लड्डू गोपाल जो लेकर आया है वो जन्माष्टमी के पर्व पर लड्डू गोपाल के लिए ड्रेस सहित अन्य सामान की खरीददारी कर रहा है। शहर की हनुमान गली सहित बाजार में पर जगह-जगह कृष्ण जन्माष्टमी, लड्डू गोपाल सहित अन्य सामान की खरीददारी कर रहे है। दुकानदार राजेश, सुरेश ने कहा कि इस बार लड्डू गोपाल की ड्रेस की डिमांड ज्यादा है। बच्चों की कृष्ण की ड्रेस की मांग भी इस बार है।

 

 

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