Jind News : मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान

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Jind News : मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान
पिंडारा तीर्थ पर पिंडदान करवाते हुए श्रद्धालु।
  • पवित्र सरोवर में डुबकी लगा कर की मोक्ष की कामना
  • मेले में श्रद्धालुओं ने की खरीददारी, पुलिसबल रहा तैनात

(Jind News) जींद। पांडू पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर बुधवार को मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान किया तथा पिंडदान करके करके तर्पण किया। ऐतिहासिक पिंडतारक तीर्थ पर मंगलवार को शाम से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था और पूरी रात धर्मशालाओं में सत्संग तथा कीर्तन आदि का आयोजन चलता रहा।

बुधवार को तड़के से ही श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान तथा पिंडदान शुरू कर दिया जो मध्यान्ह के बाद तक चलता रहा। इस मौके पर दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने अपने पितरोंं की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया तथा सूर्य देव को जलार्पण करके सुख समृद्धि की कामना की।

पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि पिंडतारक तीर्थ के संबंध में किदवंती है कि महाभारत युद्ध के बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की। बाद में सोमवती अमावस के आने पर युद्ध में मारे गए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया। तभी से यह माना जाता है कि पांडु पिंडारा स्थित पिंडतारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है।

महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है। यहां पिंडदान करने के लिए विभिन्न प्रांतों के लोग श्रद्धालु आते हैं। ठंड व धुंध के बीच सुबह ही श्रद्धालुओं का आवागमन तीर्थ पर शुरू हो गया। तीर्थ पर पुलिसकर्मी पूरा दिन तैनात रहे।

महिला घाटों पर महिला पुलिसकर्मियों की डयूटी लगाई गई थी। घाटों पर आटे के पिंडों के कारण फिसलन पैदा न हो, इसको ध्यान में रखते हुए घाटों पर पिंड डालने के लिए विशेष व्यवस्था रही। वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाए रखने के लिए वाहनों की पार्किंग व्यवस्था की तरफ पुलिस प्रशासन ने विशेष ख्याल रखा।

मेले में श्रद्धालुओं ने की खरीददारी

पिंडारा तीर्थ पर अमावस्या पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने जमकर खरीददारी भी की। तीर्थ पर जगह-जगह लोगों ने सामान बेचने के लिए फड़े लगाई हुई थी। जिस पर बच्चों तथा महिलाओं ने खरीददारी की। बच्चों ने जहां अपने लिए खिलौने खरीदे तो वहीं बड़ों ने भी घर के लिए सामान खरीदे।

अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित : नवीन शास्त्री

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि इस बार मौनी अमावस्या पर मकर राशि में एक साथ सूर्य, बुध और चंद्रमा विराजमान होकर त्रिवेणी योग बनाया। इसी के साथ इन सभी पर गुरु की नवम दृष्टि भी रही। शुक्र का मीन राशि में होने से मालव्य राजयोग भी बना रहेगा। श्रवण नक्षत्र का संयोग, शश राजयोग, बुधादित्य राजयोग भी रहा। ऐसा माना जा रहा है कि यह योग एक साथ 144 वर्ष बाद आया है।

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