- जिला में लगभग 26 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की आवश्यकता, लगभग 15,600 टन खाद हुआ उपलब्ध
(Jind News) जींद। जिला प्रशासन द्वारा डीएपी खाद को लेकर कमी न होने के कितने ही दावे किए जा रहे हों लेकिन यह दावे जमीनी स्तर पर सच साबित नही हो रहे हैं। डीएपी को लेकर जिला में किसानों के बीच इस कदर मारामारी है कि किसान रातों को भी अपने घर छोड़ कर डीएपी लेने के लिए लाइनों में लग रहे हैं। डीएपी लेने के लिए महिलाएं भी पीछे नही हैं। कृषि विभाग की रिपोर्ट अनुसार गेहूं की बिजाई के क्षेत्रफल को देखते हुए पूरे जिला में लगभग 26 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की आवश्यकता है और अबतक 15,600 टन से भी अधिक खाद किसानों को उपलब्ध करवाया जा चुका है। ऐसे में 11 हजार मीट्रिक टन डीएपी के लिए मारामारी चली हुई है।
रविवार को डीएपी खाद के एक हजार 600 बैग सफीदों खंड के किसानों के लिए तथा एक हजार बैग पिल्लूखेड़ा खंड के किसानों तथा 1200 बैग अन्य निजी दुकानों, बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध करवाए गए। रविवार को जुलाना में 1986 बैग डीएपी खाद के आए लेकिन किसान ज्यादा आ गए तो किसानों को बिना खाद के ही बैरंग लौटना पड़ा। डीएपी को लेकर जुलाना में मारामारी इस कदर रही कि इसे जुलाना थाना में बंटवाना पड़ा।
जुलाना क्षेत्र में डीएपी खाद की किल्लत कम होने का नाम ही नही ले रही है। किसानों को घंटों लाइनों में इंतजार के बावजूद बैरंग लौटने पर मजबूर होना पड़ रहा है। रविवार को हैफेड के कर्मचारी डीएपी खाद की गाड़ी लेकर पहुंचे तो थाने के बाहर किसानों की लंबी कतारे लग गई। पुलिस को भी भीड़ काबू करने को लेकर काफी मशक्त करनी पड़ी। किसानों को जरूरत के अनुसार खाद नही मिल रहा है। जिसके चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खाद कम आ रहा है और आवश्यकता ज्यादा होने के कारण भी किसानों की परेशानी बढ़ रही है।
हालांकि रविवार को जुलाना में 1986 बैग डीएपी खाद के आए लेकिन किसान ज्यादा आ गए तो किसानों को बिना खाद के ही बैरंग लौटना पड़ा। किसानों की मांग है कि गेहूं की बिजाई को देखते हुए जल्द से जल्द खाद मुहैया करवाया जाए। हैफेड खरीद केंद्र मैनेजर राजू ने बताया कि जुलाना में 1986 बैग डीएपी खाद पहुंचा था। किसानों के हंगामे को देखते हुए थाना में खाद बांटा गया है। हैफेड के खरीद केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ही थाने में खाद बांटा गया है। ज्यादा बैग होने के कारण कैश ज्यादा हो जाता है। सुरक्षा के लिहाज से ही थाने में खाद बांटा गया है।
यह भी पढ़ें : Jind News : फसल के अनुकूल मौसम नहीं रहने से कपास, धान, बाजरा फसलों की आवक इस बार कम