- सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
(Jind News) जींद। नरवाना रोड निवासी नरेंद्र कुमार (सीआरपीएफ सिपाही) का उधमपुर में हृदय गति रूकने से मौत हो गई। नरेंद्र कुमार रविवार सुबह नौ बजे नरेंद्र कुमार ड्यूटी पर तैनात थे, तभी उन्हें हार्ट अटैक आ गया। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई।
रविवार दोपहर साढ़े 12 बजे पटियाला चौक के पास श्मशान घाट में सैन्य सम्मान के साथ 38 वर्षीय शहीद नरेंद्र कुमार को नम आंखों के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनकी अंतिम विदाई में सेना के जवानों के अलावा स्थानीय पुलिस और गणमान्य लोग मौजूद रहे। अंतिम विदाई के दौरान जवानों ने मातमी धुन भी बजाई। अंतिम यात्रा के दौरान हर कोई शहीद नरेंद्र के साथ बिताए गए पलों को याद कर रहा था।
12 साल पहले नरेंद्र सीआरपीएफ में स्पोट्र्स कोटे से भर्ती हुए थे
शहीद नरेंद्र कुमार के बड़े भाई बिजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि 12 साल पहले नरेंद्र सीआरपीएफ में स्पोट्र्स कोटे से भर्ती हुए थे। नरेंद्र बास्केटबाल का इंटरनेशनल प्लेयर थे और उन्होंने नेशनल में पांच गोल्ड और स्टेट में छह साल तक चैंपियन रहे थे। नरेंद्र कुमार बास्केटबाल प्लेयर के साथ-साथ पढ़ाई में भी अव्वल रहे और पॉलिटैक्टिनक, इलेक्ट्रिकल बीटैक भी की हुई थी।
नरेंद्र कुमार भर्ती होने के बाद बंगलुरु, श्रीनगर, पिंजौर, पिंजुखिया, गोवाहाटी, आसाम, छत्तीसगढ़, जम्मू तथा झारखंड में ड्यूटीरत रहे। फिलहाल वह ऊधमपुर में तैनात थे। गत एक दिसंबर को 15 दिन की छुट्टी पर नरेंद्र घर आए थे। इसके बाद 15 दिसंबर को ड्यूटी पर उधमपुर चले गए थे। नरेंद्र छह साल तक कोबरा कंमाडो रहे।
झारखंड और आसाम में कोबरा कमांडो के रूप में ड्यूटी भी की। नरेंद्र ने नौ साल की उम्र में ही बास्केटबाल खेलना शुरू कर दिया था। नरेंद्र को पांच साल का बेटा भी है। शहीद नरेंद्र की अंतिम विदाई में संैकड़ों लोग पहुंचे और नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे विदाई दी। सीआरपीएफ की टुकड़ी ने सलामी ली।
यह भी पढ़ें : Jind News : डॉ . मृत्युंजय गुप्ता बने विश्व के सबसे कम उम्र के अंतरराष्ट्रीय स्कॉलर