Jind News : अक्षय तृतीया पर्व पर विवाह बंधनों में बंधे जोड़े

0
72
Jind News : अक्षय तृतीया पर्व पर विवाह बंधनों में बंधे जोड़े
जाट धर्मशाला में सजाया गया टैंट।
  • बाल विवाह रोकने के लिए टीमें देती रही दस्तक

(Jind News) जींद। अक्षय तृतीया पर बुधवार को जिलाभर में 150 से अधिक जोड़े विवाह बंधन बंधे। वहीं बाजार में दुकानदार भी काफी उत्साहित थे। बाजार में स्वर्ण व चांदी के आभूषणों की जमकर खरीददारी हुई। शहर की कोई ऐसी दुकान नहीं थी जहां ग्राहकों की भीड़ नहीं लगी हुई थी।

अक्षय तृतीय एक अबुझ मुहुर्त

अक्षय तृतीया पर्व पर जिलाभर में विवाह समारोहों की धूम रही। मान्यता है कि अक्षय तृतीय एक अबुझ मुहुर्त होता है और यह दिन विवाह के लिए उत्तम माना गया है। ऐेसे में लोगों ने विवाहों को लेकर बाजारों में कई दिन पहले ही खरीददारी शुरू कर दी थी। बुधवार को अक्षय तृतीय पर्व पर विवाह समारोहों की भी धूम रही। शादियों को लेकर शहर के बैंक्वट हाल, होटल और धर्मशालाएं बुक रही और इनमें बुकिंग भी डे एंड नाइट की रही।

जिन लोगों को जगह उपलब्ध नहीं हुई उन्होंने गलियों या पार्कों में ही टैंट लगा कर शादी की। विवाह समारोहों को लेकर फोटोग्राफर, टैक्सी चालकों, हलवाई सहित तमाम विवाह से जुड़े कारोबारियों को सांस लेने की फुर्सत नहीं थी।

बाल विवाह रोकने के लिए विशेष टीमें देती रही जगह-जगह दस्तक

अक्षय तृतीया की आड में बाल विवाह न हों, इसे लेकर जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय टीम जगह-जगह दस्तक देती रही। सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए विशेष टीमें गठित की गई थी जो हर सूचना पर कार्रवाई कर रही थी। बाल विवाह रोकने के लिए जिले के सामुदायिक केंद्र, वेंकेट हॉल, मैरिज पेलेस, प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को पहले ही आगाह कर दिया गया था। विवाह में लड़का-लड़की के जन्म से संबंधित कागजात भी अपने पास रखने के लिए कहा गया था।

अक्षय तृतीय (अक्खा तीज) पर्व पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए मंदिर के पुजारी, गांव के पंच, सरपंच, आंगनबाड़ी वर्कर्स और नंबरदार तथा शहर के नगर पार्षदों की मदद ली गई। पूरा प्रयास रहा कि जिला में कहीं भी बाल विवाह न होने पाए। विवाह समारोह के दौरान लड़का-लड़की के बालिग होने की जांच की गई  ताकि जिले में बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर रोक लग पाए।

बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए सर्वधर्म कार्यक्रम का आयोजन

वहीं जयंती देवी मंदिर में बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए सर्वधर्म कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि अक्षय तृतीया पर मानना है कि इस दिन सोने में निवेश करना हमेशा के लिए सौभाग्य और कभी न घटने वाली संपत्ति का वादा करता है। मान्यता है कि इस दिन स्वर्ण खरीदना विशेष रूप से समृद्धिदायी होता है। वहीं श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी धूमधाम से मनाया गया। अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धनपति कुबेर की पूजा करते हैं।

यह भी पढ़ें : Jind News : फतेहगढ़ के पास अनियंत्रित होकर पलटा कंटेनर, चालक की मौत