• मजदूरों के रद्द किए गए पंजीकरण को बहाल करने की मांग, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

(Jind News) जींद। सरकार द्वारा निर्माण मजदूरों के रद्द किए गए पंजीकरण से गुस्साए मजदूरों ने गुरूवार को शहर में प्रदर्शन किया और मजदूर विरोधी फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन से पहले तमाम निर्माण मजदूर नेहरू पार्क में एकत्रित हुए।

श्रम कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण मजदूरों को एक झटके में बाहर कर दिया

जिला प्रधान कश्मीर सेलवाल व जिला कोषाध्यक्ष संदीप जाजवान ने मजूदरों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने बिना किसी तहकीकात व छानबीन के हरियाणा की बीजेपी सरकार ने श्रम कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण मजदूरों को एक झटके में बाहर कर दिया और लगभग एक लाख मजदूरों के पंजीकरण को रद्द कर दिया। इससे तमाम निर्माण मजदूरों मे बीजेपी सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है।

यूनियन ने बार-बार सरकार को कल्याण बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार के बारे में आगाह किया

90 दिन का काम वेरिफिकेशन करवाने के नाम पर मजदूरों भारी शोषण हो रहा है यूनियन ने बार-बार सरकार को कल्याण बोर्ड में फैले भ्रष्टाचार के बारे में आगाह किया लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कपूर सिंह ने बताया कि अकेले जींद जिला के 35 हजार निर्माण मजदूरों का पंजीकरण रद्द किया गए हैं। निर्माण मजदूरों व यूनियन ने फैसला कर लिया है कि जब तक पंजीकरण बहाल नहीं किया जाता तब तक ये चुप नहीं बैठेंगे। हजारों मजदूरों की कन्यादान, मृत्यु सहायता, मातृत्व, छात्रवृति आदि सुविधाओं की राशि रुकी हुई है।

इनकी शिकायत यूनियन पिछले 10 वर्षों से श्रम मंत्री मुख्यमंत्री एवं कल्याण बोर्ड के उच्च अधिकारीयों को लगातार अवगत करवाती रही लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। रमेश चंद्र ने बताया कि बीजेपी मजदूरों का असल मुद्दों से ध्यान भटका कर साम्प्रदायिक व जातिवादी धु्रवीकरण कर रही है।

मजदूरों की मांगों एवं समस्याओं के ज्ञापन एसडीएम सत्यवान मान को सौंपे

प्रदर्शन के बाद यूनियन ने मजदूरों की मांगों एवं समस्याओं के ज्ञापन श्रम मंत्री व उपायुक्त जींद के नाम एसडीएम सत्यवान मान को सौंपे।  उन्होंने मांग की कि निर्माण मजदूरों का रद्द किया गया पंजीकरण तुरंत प्रभाव से बहाल किया जाए और बकाया सुविधाओं की राशि बिना शर्त जारी की जाए। जींद के श्रम कल्याण बोर्ड के कार्यालय में अधिकारियों व सहायक स्टाफ की स्थायी नियुक्ति की जाए।

निर्माण मजदूरों के 90 दिन के काम की तसदीक का अधिकार यूनियनों को भी दिया जाए। नए पंजीकरण को अप्रवूल करवाया जाए व पंजीकरण करने वाले कर्मचरियों की संख्या बढ़ाए जाए। फर्जी पंजीकरण पर रोक लगाई जाए तथा भ्रष्टाचार करने वालों पर उचित कानूनी कार्यवाही की जाए। मजदूरों की वर्षों से लंबित पड़ी विभिन्न तरह की कल्याणकारी सुविधाओं की राशि जारी करवाई जाए।

परिवार पहचान पत्र की वजह से श्रमिकों के पंजीकरण व सुविधाओं के आवेदनों में बड़ी समस्या आ रही है। इसलिए परिवार पहचान पत्र की शर्त खत्म की जाए। सभी निर्माण मजदूरों को बिना शर्त एनसीआर क्षेत्र के तहत ग्रैप निर्वाह भत्ता योजना दी जाए। जींद शहर सहित सभी शहरों में लेबर शैड बनवाया जाए तथा जुलाना के लेबर शैड को पूरा करवाया जाए।

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