Jind News : निर्माण व मनरेगा मजदूरों ने मांगों को लेकर शहर में किया प्रदर्शन

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Jind News : निर्माण व मनरेगा मजदूरों ने मांगों को लेकर शहर में किया प्रदर्शन
मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए मजदूर।
  • श्रम कल्याण बोर्ड बना भ्रष्टाचार का अड्डा, डीसी को सौंपा ज्ञापन

(Jind News) जींद। निर्माण मजदूरों व मनरेगा मजदूरों ने गुरूवार को भवन निर्माण कामगार यूनियन के आह्वान पर लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी मजदूरों ने मांगों को लेकर ज्ञापन उपायुक्त कार्यालय में सौंपा।

जिलाभर के निर्माण व मनरेगा मजदूरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा

प्रदर्शन से पहले डीआरडीए में रोष सभा का आयोजन किया गया। यूनियन के जिला प्रधान कश्मीर सेलवाल व जिला सचिव कपूर सिंह ने कहा कि जिलाभर के निर्माण व मनरेगा मजदूरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। श्रम कल्याण बोर्ड पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है।

पिछले चार-पांच सालों से सैंकड़ों निर्माण मजदूरों का कन्यादान,  मृत्यु सहायता, मातृत्व, पितृत्व इत्यादि कि सुविधाएं अटकी हुई हैं। इन मजदूरों के पास दलालों के फोन आते है और 30 से 40 प्रतिशत कमीशन कि मांग करते हुए कहते हैं कि एक सप्ताह के अंदर आपके पैसे आ जाएंगे लेकिन जब मजदूर मना कर देते हैं तो उनके आवेदनों पर अनाप-श्नाप आपत्तियां लगा कर आवेदनों को रद्द कर दिया जाता है।

कानून के तहत किराया देने का प्रावधान

बिना दलालों के श्रम कल्याण बोर्ड से सुविधा प्राप्त करना लगभग नामुमकिन हो गया है। रमेश चंद्र, कपूर सिंह ने बताया कि निर्माण मजदूरों कि भांति मनरेगा के मजदूरों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले तीन-चार साल से पांच किलोमीटर दूर काम पर जाने पर भी किराया नहीं दिया जा रहा है। जबकि कानून के तहत किराया देने का प्रावधान है। दुर्घटना में चोट लगने पर किसी प्रकार के ईलाज का प्रबंध नहीं किया जा रहा है।

उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के अंदर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करवा कर मजदूरों कि समस्याओं को हल करवाने की पूरी कोशिश की जाएगी। उन्होंने मांग की कि जींद के श्रम कल्याण बोर्ड के कार्यालय में सहायक निदेशक व सहायक कल्याण अधिकारी तथा अन्य सहायक स्टाफ की स्थाई नियुक्ति की जाए। निर्माण मजदूरों के 90 दिन के काम की तसदीक का अधिकार यूनियनों को भी दिया जाए।

नए पंजीकरण को अप्रवूल करवाया जाए व पंजीकरण करने वाले कर्मचरियों की संख्या बढ़ाई जाए। मजदूरों की वर्षों से लंबित पड़ी विभिन्न तरह की कल्याणकारी सुविधाओं की राशि जारी करवाई जाए। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) की वजह से श्रमिकों के पंजीकरण व सुविधाओं के आवेदनों में बड़ी समस्या आ रही है। इसलिए पीपीपी की शर्त खत्म कि जाए। एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत ग्रैप निर्वाह भत्ता योजना की तिथि बढ़ाई जाए।

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