Jind News : कांग्रेस नेता शिवनारायण शर्मा ने बीरेंद्र सिंह और कांग्रेस को कहा अलविदा

0
42
Congress leader Shivnarayan Sharma said goodbye to Birendra Singh and Congress
पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए शिवनारायण शर्मा।
  • बीरेंद्र सिंह के व्यवहार से दुखी होकर उठाया कदम, निर्णय के दौरान भावुक हुए शिवनारायण शर्मा
  • 35 साल के राजनीतिक कैरियर में उन्होंने पूर्व सीएम बंसीलाल के साथ भी काम करने का मौका मिला

(Jind News ) जींद। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के साथी रहे उत्तर मध्य हरियाणा विकास संगठन के अध्यक्ष शिवनारायण शर्मा तथा संगठन की महिला विंग की अध्यक्ष वृंदा शर्मा ने बीरेंद्र सिंह का साथ छोडऩे के साथ ही कांग्रेस को भी अलविदा कह दिया है। पत्रकारों से बातचीत में अपने निर्णय की जानकारी देते हुए शिवनारायण शर्मा की आंखें नम भी हुई। उन्होंने कहा कि 35 साल के राजनीतिक कैरियर में उन्होंने ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह डूमरखां को राम की तरह माना। बीस साल तक वह उनके हनुमान बन कर बिना किसी लोभ लालच के उसका सहयोग किया।

उन्होंने अपनी बेटी वृंदा शर्मा की टिकट के लिए पैरवी करने को कहा तो उनका जवाब शोभनीय नही था। टिकट सभी को मिल नही सकती लेकिन गत 27 अगस्त में जींद न्याय रैली महिलाओं की भीड़ को देख कर वृंदा की ल_ लेकर पैरवी करने वाले बीरेंद्र सिंह एक कदम भी नही चल पाए। उन्होंने टिकट के लिए किसका दरवाजा खटखटाएं, उसका रास्ता बताने की बजाए कटू भाषा का प्रयोग किया।

अपनी बेटी वृंदा शर्मा को पॉलिटिक्स में आगे बढऩे का निर्णय लिया

बीरेंद्र सिंह के व्यवहार से उनके साथ वृंदा की पैरवी के लिए पहुंचे लोग भी हैरान थे। उन्होंने कहा कि 35 साल के राजनीतिक कैरियर में उन्होंने पूर्व सीएम बंसीलाल के साथ भी काम करने का मौका मिला। पिछले बीस साल से बीरेंद्र सिंह के साथ राजनीतिक कर रहे थे। अब उन्होंने अपनी बेटी वृंदा शर्मा को पॉलिटिक्स में आगे बढऩे का निर्णय लिया।  वह टिकट को लेकर बीरेंद्र सिंह से उचाना तथा दिल्ली में भी मिले थे।

उसकी बेटी के बारे में किसी नेता से मिलवाने की बजाय उल्टा रूखा व्यवहार किया।  बीरेंद्र सिह के व्यवहार से उनकी तथा उनके समर्थकों की  भावनाएं आहत हुई हैं। अब वे अपने संगठन के साथ बीरेंद्र सिंह तथा कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हंै। अगामी राजनीतिक रणनीति अपने संगठन के साथ बनाएंगे।

 

 

ये भी पढ़ें : Jind News : खेतों में पराली न जले, प्रशासन ने कसी कमर