(Jind News) जींद। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोनिका ने सोमवार को नशा मुक्ति केंद्र नजदीक सोमनाथ मंदिर का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने नशे की परिभाषा से लेकर, उसके प्रकार, प्रतिबंधित और चेतावनी युक्त नशों के बारे बताया। उन्होंने बताया कि भारत में वर्ष 1985 से एनडीपीएस एक्ट अर्थात नारकोटिक्स इग्स एवं साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट लागू किया गया है।
नशा मुक्ति अभियान से जुड़ कर करे नशे पर वार : सीजेएम मोनिका
इस अधिनियम के तहत होने वाले अपराध संशेय और अजमानतीय होते हैं। कठोर दंड के प्रावधान इसमें है। नशे को मनुष्य के लिए घातक माना गया है। इस अवसर पर नशा मुक्ति केंद्र में 11 लोग मौजूद थे। प्राधिकरण सचिव ने केंद्र में रह रहे व्यक्तियों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली और जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। इसके अलावा उनके रहने-सहने के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
उन्होंने स्टाफ को निर्देश दिए की व्यक्तियों की देखरेख में कोई कमी नहीं आनी चाहिए तथा उनके स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी लापरवाही ना की जाए। उन्होंने बताया कि हरियाणा सेवा अधिकरण के को जारी किया नंबर 15100 निर्देशानुसार नालसा पोर्टल नालसाडाटजीओवीडॉटन इन को जारी किया गया है और राष्ट्रीय विधिक सहायता हेल्पलाइन नंबर 15100 जारी किया गया है। इसमें हेल्पलाइन नंबर पर किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते है।
यह भी पढ़ें: Yamunanagar News : चंदरपुर वर्क्स में विश्वकर्मा दिवस का भव्य आयोजन: सुधीर चंद्रा
यह भी पढ़ें: Mahendragarh News : खजाना कार्यालयों में 4 नवंबर से शुरू होगी जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया