- बाबा साहेब को लेकर की गई टिप्पणी के लिए गृहमंत्री मांगे माफी
(Jind News) जींद। नागरिक मंच के आह्वान पर सोमवार को अंबेडकर चौक पर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और उपायुक्त कार्यालय में डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भेजा। सभी नागरिकों ने एकमत से मांग की कि गत 17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर बोलते हुए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि क्या अंबेडकर फैशन लगा रहा है।
नता के साथ-साथ धर्मनिरपेक्षता व संविधान में विश्वासपर रखने वालों को गहरा आघात पहुंचा
गृहमंत्री की इस टिप्पणी की निंदा की गई। इस टिप्पणी से देश की मेहनतकश जनता के साथ-साथ धर्मनिरपेक्षता व संविधान में विश्वासपर रखने वालों को गहरा आघात पहुंचा है। इसलिए गृहमंत्री अमित शाह को इस संवैधानिक के पद पर रहने का कोई अधिकार नही है और उन्हें तुरंत प्रभाव से मंत्री पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए।
मंच के जिला प्रधान संजीव ढांडा, दलित अधिकार मंच के सोहनदास, जनसंघर्ष मंच के सुधीर शास्त्री, मजदूर नेता कपूर सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा बाबा साहेब के बारे में सत्ता के नशे में चूर होकर अपने अहंकारी लहजे में जो बयान दिया गया है, वो भाजपा का संविधान विरोधी चरित्र को उजागर करता है।
गृहमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कि बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान और बाबा साहेब के विचार भाजपा और पूरे संघ परिवार में बैचेनी पैदा कर रहे हैं। जिस प्रकार से आरएसएस द्वारा संचालित भाजपा सरकार देश के संविधान और संविधानिक अधिकारों को खत्म करने पर तुली हुई है,
जब तक केंद्रीय गृहमंत्री देश से माफी नही मांगते आंदोलन जारी रहेगा
उसके खिलाफ देश के तमाम धर्मनिरपेक्ष, न्यायप्रिय अमन पसंद नागरिकों, युवाओं, महिलाओं, दलितों एवं अल्पसंख्यक समुदाय में संविधान और संविधानिक अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा हो रही है वो भाजपा और पूरे संघ परिवार में बैचैनी और बौखलाहट पैदा कर रही है।
इसलिए भाजपा का सर्वोच्च नेता बाबा साहेब के बारे में इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ परिवार संविधान बदलने के जो सपने देख रहे हैं, उनके सपने चकनाचूर हो रहे हैं। मौजूदा समय में हम संविधान की 75 वीं जयंती मना रहे हैं और 2050 में संविधान की 100वीं जयंती मनाने का संकल्प लिया है।
जब तक केंद्रीय गृहमंत्री देश से माफी नही मांगते आंदोलन जारी रहेगा। 25 दिसंबर को मनुस्मृति दहन दिवस पर संविधान आंदोलन मे बढ़चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया गया। इस मौके पर संदीप जाजवान, राजेश, राजेश बराहखुर्द, बिट्टू, संदीप मेहरा, संदीप, महावीर शर्मा, अंग्रेज सिंह, पवन कुमार, राजकुमार, बिजेंद्र, इंद्र सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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