Jind News : डिडवाडा में रूकवाया बाल विवाह

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Jind News : डिडवाडा में रूकवाया बाल विवाह
मौके पर कार्रवाई करते हुए टीम।
  • दुल्हा निकला 15 वर्ष का और दुल्हन मिली 26 की
  • बालिग होने पर शादी करने की बात कह बारात को वापस लौटाया

(Jind News) जींद। गांव डिडवाडा में बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय टीम ने बाल विवाह को रूकवाया है। गांव में उत्तर प्रदेश के शामली जिले से बारात लेकर आए दुल्हे के जब उम्र से संबंधित कागजात की जांच की तो दुल्हे की उम्र मात्र 15 वर्ष चार माह मिली और दुल्हन की उम्र 26 वर्ष निकली ।

टीम ने बाल विवाह की सूचना पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए नाबालिग की शादी को रूकवाया और साथ ही परिजनों को विवाह न करने के लिए चेताया। इसके अलावा बाल विवाह अधिनियम की जानकारी भी दी। जिस पर परिजनों ने आश्वासन दिया कि अब वह बालिग होने पर ही विवाह करेंगे।

जिला विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली थी कि गांव डिडवाडा में एक नाबालिग लड़के की शादी करवाई जा रही है और बारात उत्तर प्रदेश के शामली जिले से आई हुई है व बारात दुल्हन के दरवाजे पर पहुंच चुकी है। इस पर कार्रवाई करते हुए रवि लोहान, मुख्य सिपाही ओमप्रकाश, महिला सिपाही आरती, नीलम, सिपाही सुरेंद्र, प्रवीन थाना सदर सफीदों पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तो पाया कि शादी की तैयारी चल रही थी और बारात दुल्हन के घर के पास ही बैठी हुई थी।

लड़के की उम्र मात्र 15 वर्ष 4 माह पाई गई

टीम द्वारा बारात लेकर आए दुल्हे के परिवार वालों से लड़के के जन्म से संबंधित कागजात मांगे तो परिजनों ने पहले तो टाल मटोल करने की कोशिश की और दुल्हे के बालिग होने की बात कही लेकिन जब मौके पर अन्य मौजिज व्यक्तियों को बुलाया गया तो लगभग तीन घंटे के बाद जो सबूत दिखाए गए। जिसमें लड़के की उम्र मात्र 15 वर्ष 4 माह पाई गई और उससे शादी करने वाली दुल्हन की उम्र 26 वर्ष मिली। दुल्हन की उम्र दुल्हे से 11 वर्ष बड़ी मिली।

इस पर उसके परिजनों द्वारा बताया गया कि लड़के के माता-पिता बीमार रहते हैं और उसे किसी कानून की कोई जानकारी नही है। इसलिए वह गलती से ऐसा कर रहे थे। इस पर रवि लोहान ने परिजनों को समझाया गया कि आपका लड़का नाबालिग है। इसलिए आप उसके बालिग होने तक का इंतजार करें ताकि कोई कानूनी अड़चन न आए।

इसके बावजूद भी अगर आप नाबालिग लडके की शादी करते हैं तो आप सभी के खिलाफ  भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पर परिवार सहमत हो गया तथा शादी को स्थगित कर दिया गया और परिवार द्वारा महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग के अधिकारियों को लिखित बयान दिए कि वह कानून की पालना करेंगे तथा लड़के के बालिग होने पर ही उसकी शादी करेंगें।

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