Jind News : अनूपगढ़ गांव के बीपीएल परिवारों ने डीसी से की 100-100 वर्ग गज के प्लाट दिलवाने की मांग

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Jind News : अनूपगढ़ गांव के बीपीएल परिवारों ने डीसी से की 100-100 वर्ग गज के प्लाट दिलवाने की मांग
डीसी से मिलने आए ग्रामीण।
  • रिहायशी मकान के लिए जगह कम होने का दिया हवाला
  • डेढ़ साल से पेंशन के लिए चक्कर काट रहा बिशनपुरा का दिव्यांग

(Jind News) जींद। गांव अनूपगढ़ के ग्रामीणों ने मंगलवार को डीसी को शिकायत देकर गांव में 100-100 वर्ग गज के प्लाटों की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि उनके पास गांव में रहने के लिए जगह की कमी है। वह मजदूरी करके गुजारा करते हैं। आमदनी का दूसरा कोई साधन उनके पास नहीं है।

उन्होंने कहा कि उनके पास रिहायश के मकान छोटे होने के कारण वहां पर रहने में मुश्किल हो रहे हैं। एक कमरे में रहने से बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो पाती। इसके अतिरिक्त घर में चार से पांच सदस्य होने के कारण बड़ी परेशानी होती है। लंबे समय से वह सरकार की योजना के तहत मिलने वाले 100-100 वर्ग गज प्लाटों का इंतजार कर रहे थे लेकिन आज तक उनको प्लाट नहीं मिले।

समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा

इसके लिए पहले भी वह कई बार अधिकारियों से मिल चुके हैंए लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा। उन्होंने डीसी से अपील की है कि जल्द ही उनके गांव में भी बीपीएल परिवारों को प्लाट दिलवाए जाएं ताकि वह परिवार के साथ आसानी से अपने मकानों में रह सकें। इस अवसर पर नसीब, संदीप, दीपक, रोहताश, मंजू, सुदेश, सुनीता, संतोष, बिमला, नीलम, सुनीता, कमलेश, मुकेश, ममता, शांति, कविता, शीला, पूजा, सीमा व रीनू मौजूद रही।

डेढ़ साल से पेंशन के लिए चक्कर काट रहा बिशनपुरा का दिव्यांग

समाधान शिविर में भी लोगों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। लोग बार-बार अपनी एक ही शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। मंगलवार को समाधान शिविर में बिशनपुरा गांव का 55 वर्षीय सत्यवान पहुंचा। सत्यवान ने बताया कि डेढ़ साल पहले उसकी एक टांग काटनी पड़ गई थी। टांग से दिव्यांग होने के बाद उसने पेंशन के लिए आवेदन किया लेकिन उसकी पेंशन नहीं बनी। उसने अपने सारे दस्तावेज पूरे करवाए।

परिवार पहचान पत्र में भी दिव्यांग सर्टिफिकेट अपडेट करवा दिया और समाधान शिविर में शिकायत लेकर पहुंचा। उसे कुछ दिन में समाधान के लिए कहा गया लेकिन उसका समाधान नहीं हुआ। डेढ़ माह पहले भी दूसरी बार समाधान शिविर में आया लेकिन उसे जल्द ही पेंशन बनने का आश्वासन दिया गया।

अब बुधवार को दोबारा से शिविर में पहुंचा लेकिन अब फिर से जल्द ही पेंशन शुरू होने का आश्वासन दिया गया। दिव्यांग होने के बावजूद भी उसे चक्कर काटने पड़ रहे हैं। सत्यवान ने बताया कि दिव्यांग होने के बाद वह काम नहीं कर पा रहा। ऐसे में पेंशन से उसे आस है ताकि खर्च चल सके लेकिन बार.बार चक्कर लगाकर वह परेशान हो चुका है।

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