Jind News : बैंक अधिकारियों ने मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

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Jind News : बैंक अधिकारियों ने मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
रोष जताते हुए बैंक अधिकारी।
  • तबादला नीति को लेकर जताया रोष, 21 व 26 को करेंगे रोष प्रदर्शन
  • 28 व 29 मार्च को पूरे पीएनबी में हडताल का दिया नोटिस

(Jind News) जींद। आल इंडिया पंजाब नैशनल बैंक आफिसर एसोसिएशन (एआईपीएनबीओए) के आह्वान बैंक अधिकारियों ने पीएनबी मैनेजमेंट द्वारा नई तबादला नीति जारी किए जाने के रोष स्वरूप प्रदर्शन किया और नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया। बैंक अधिकारियों ने निर्णय लिया कि तबादला नीति को लेकर 21 व 26 मार्च को प्रदर्शन किया जाएगा व 28 व 29 मार्च को पूरे पीएनबी में हडताल की जाएगी। जिसका नोटिस दे दिया गया है।

पीएनबी प्रबंधन द्वारा अचानक से नई ट्रांसफर पॉलिसी जारी

एसोसिएशन सचिव मोहित कुमार व कोषाध्यक्ष सुमेधा गोयत ने बताया कि आज बैंक अधिकारियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पीएनबी प्रबंधन द्वारा अचानक से नई ट्रांसफर पॉलिसी जारी की गई है। जिसके तहत सर्कल में छह और जोन में नौ साल के बाद सभी अधिकारियों को राज्य से बाहर तबादला किया जाएगा।

तकरीबन 12500 स्केल 1-3 अधिकारियों को नौ दिन का समय अगला गंतव्य सर्कल चुनने व एक महीने के अंदर पैकअप करके जाने के निर्देश दे दिए गए हैं। मानव संसाधन मैनेजमेंट के सब नियमों को ताक पर रख कर उनके व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक व आर्थिक पहलुओं पर गहरा प्रभाव डालने वाली इस क्रूर ट्रांसफर पॉलिसी को फ्रेम किया गया है। इस बेरहम तबादला नीति के विरोध में 21 व 26 मार्च को प्रदर्शन किया जाएगा व 28 व 29 मार्च को पूरे पीएनबी में हडताल की जाएगी। जिसका नोटिस दे दिया गया है।

नियमित भर्ती न होने से वर्क लोड बढ़ रहा

सुमेधा ने कहा कि नियमित भर्ती न होने से वर्क लोड बढ़ रहा है। वहीं जब डिफाल्टरों से लोन रिकवरी के लिए जाते हैं तो उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। कई बार तो हमला तक कर दिया जाता है। वहीं बैंकों का निजीकरण करने की भी प्लानिंग बनाई जा रही है। सुमेधा ने कहा कि बैंक अधिकारी पूरा हफ्ता काम करते हैं। काम की अधिकता के चलते ओवरटाइम भी करते हैं। जिससे मानसिक रूप से भी बैंक अधिकारी परेशान हो जाते हैं।

उन्होंने मांग की कि तुरंत प्रभाव से तबादला नीति को रद्द किया जाए। बैंक अधिकारियों की पांच दिन का बैंकिंग करवाई जाए। रिक्त पदों पर भर्तियां की जाएं। ठेके पर कर्मियों की भर्ती न की जाए। बैंकों की प्राइवेटाइजेशन न किया जाए। जब भी डिफाल्टरों से लोन की रिकवरी करने जाते हैं बैंकर्स को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नही किया गया तो वो आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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